जलयात्रा विधान – शास्त्रोक्त विधि के अनुसार

जलयात्रा विधान – शास्त्रोक्त विधि के अनुसार

निर्धारित समय पर संक्षिप्त पवित्रीकरण आदि करके जल यात्रा का संकल्प करे :

संकल्प : ॐ अद्य …. प्रारब्ध ….. (देवता) प्रतिष्ठा कर्मणि प्रतिमा प्रासादस्नपनाद्यर्थं जल यात्रां करिष्ये ॥

संकल्प करने के बाद कुमारी/सुवासिनी आदि को आगे रखते हुये जलाशय की यात्रा करे।

  • जलाशय पर जाकर पूजा की व्यवस्था करे।
  • सर्वप्रथम जलाशय के निकट पवित्र भूमि चयन करके लीप ले।
  • श्वेत वस्त्र बिछाकर उस पर 7-7 अक्षत पुञ्ज की 4 पंक्ति बनाये।
  • संक्षेपतः पवित्रीकरणादि करके संकल्प करे :

संकल्प : ॐ अद्य ….. जलयात्रांगभूतं करिष्यमाणस्य ….. (देवता) प्रतिष्ठा कर्मणः वरुणदेवताप्रीत्यर्थं गणेशाम्बिका जलमातृ जीवमातृ स्थलमातृ सप्तसागर जलवरुण भूमिपूजनपूर्वक नववर्द्धिनी कलशेषु वरुणपूजनमहं करिष्ये ॥

जल यात्रा विधि
जल यात्रा विधि

जल मातृका पूजन :

अक्षत पुञ्ज की पहली पंक्ति में दक्षिण से वाम क्रम का अनुसरण करते हुये सप्त जलमातृकाओं का आवाहन पूजन करे :

  1. ॐ भूर्भुवः स्वः मत्स्ये इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः मत्स्यै नमः॥
  2. ॐ भूर्भुवः स्वः कूर्मे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः कूर्म्यै नमः॥
  3. ॐ भूर्भुवः स्वः वाराहे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः वाराह्यै नमः॥
  4. ॐ भूर्भुवः स्वः दुर्दरे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः दुर्दयै नमः॥
  5. ॐ भूर्भुवः स्वः मकरे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः मकर्यै नमः॥
  6. ॐ भूर्भुवः स्वः जलूके इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः जलूक्यै नमः॥
  7. ॐ भूर्भुवः स्वः तन्तुके इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः तन्तूक्यै नमः॥

आवाहन : ॐ मनो जूतिर्ज्जुषतामाज्ज्यस्य बृहस्पतिर्य्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं य्यज्ञᳪ समिमं दधातु। विश्वे देवासऽइह मादयन्तामों३ प्रतिष्ठ ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः मत्स्यादि जलमातरः इहागच्छत इहतिष्ठत॥
पूजन मंत्र : ॐ भूर्भुवः स्वः मत्याद्यावाहित जलमातृभ्यो नमः॥ इस मंत्र से पंचोपचार पूजन करे।
क्षमा प्रार्थना : ॐ भूर्भुवः स्वः मत्याद्यावाहित जलमातरः पूजितास्थ प्रसीदत प्रसन्नाः भवत क्षमध्वं ॥

जीव मातृका पूजन :

पुनः दूसरी सप्तपङ्क्ति में जीवमातृकाओं का आवाहन पूजन करे :

  1. ॐ भूर्भुवः स्वः कुमारी इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः कुमार्यै नमः॥
  2. ॐ भूर्भुवः स्वः धनदे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः धनदायै नमः॥
  3. ॐ भूर्भुवः स्वः नन्दे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः नन्दायै नमः॥
  4. ॐ भूर्भुवः स्वः विमले इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः विमलायै नमः॥
  5. ॐ भूर्भुवः स्वः मङ्गले इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः मङ्गलायै नमः॥
  6. ॐ भूर्भुवः स्वः अचले इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः अचलायै नमः॥
  7. ॐ भूर्भुवः स्वः पद्मे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः पद्मायै नमः॥

आवाहन : ॐ मनो जूतिर्ज्जुषतामाज्ज्यस्य बृहस्पतिर्य्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं य्यज्ञᳪ समिमं दधातु। विश्वे देवासऽइह मादयन्तामों३ प्रतिष्ठ ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः कुमार्यादि जीवमातरः इहागच्छत इहतिष्ठत॥
पूजन मंत्र : ॐ भूर्भुवः स्वः कुमार्याद्यावाहित जीवमातृभ्यो नमः॥ इस मंत्र से पंचोपचार पूजन करे।
क्षमा प्रार्थना : ॐ भूर्भुवः स्वः कुमार्याद्यावाहित जीवमातरः पूजितास्थ प्रसीदत प्रसन्नाः भवत क्षमध्वं ॥

स्थल मातृका पूजन :

पुनः तीसरी सप्तपङ्क्ति में स्थलमातृकाओं का आवाहन पूजन करे :

  1. ॐ भूर्भुवः स्वः ऊर्मे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः ऊर्म्यै नमः॥
  2. ॐ भूर्भुवः स्वः लक्ष्मी इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः लक्ष्म्यै नमः॥
  3. ॐ भूर्भुवः स्वः महामाये इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः महामायायै नमः॥
  4. ॐ भूर्भुवः स्वः पानदेवी इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः पानदेव्यै नमः॥
  5. ॐ भूर्भुवः स्वः वारुणे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः वारुण्यै नमः॥
  6. ॐ भूर्भुवः स्वः निर्मले इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः निर्मलायै नमः॥
  7. ॐ भूर्भुवः स्वः गोधे इहागच्छ इहतिष्ठ। ॐ भूर्भुवः स्वः गोधायै नमः॥

आवाहन : ॐ मनो जूतिर्ज्जुषतामाज्ज्यस्य बृहस्पतिर्य्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं य्यज्ञᳪ समिमं दधातु। विश्वे देवासऽइह मादयन्तामों३ प्रतिष्ठ ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः ऊर्म्यादि स्थलमातरः इहागच्छत इहतिष्ठत॥
पूजन मंत्र : ॐ भूर्भुवः स्वः ऊर्म्याद्यावाहित स्थलमातृभ्यो नमः॥ इस मंत्र से पंचोपचार पूजन करे।
क्षमा प्रार्थना : ॐ भूर्भुवः स्वः ऊर्म्याद्यावाहित स्थलमातरः पूजितास्थ प्रसीदत प्रसन्नाः भवत क्षमध्वं ॥

Leave a Reply