पढ़ें अग्नि सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – agni sahasranama stotram

पढ़ें अग्नि सहस्रनाम स्तोत्र स्तोत्र संस्कृत में - agni ashtak stotra

मैथिलों की एक विशेषता है कि वो पंचदेवता के नहीं षड्देवता के उपासक होते हैं किन्तु बहुत लोगों को यह भ्रम रहता है कि मिथिला भी पंचदेवोपासक है। पंचदेवता में ही अग्नि के संयुक्त होने पर षड्देवता हो जाते हैं और इस प्रकार मिथिला में पंचदेवता पूजा के उपरांत विष्णु की पूजा की जाती है जिसका तात्पर्य होता है कि विष्णु की पूजा पंचदेवता में नहीं करके अग्नि की पूजा की जाती है। यहां अग्नि सहस्रनाम स्तोत्र (agni sahasranama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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