स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra

स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra

स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra

भद्रसूक्त अर्थात स्वस्तिवाचन मंत्र - Swastiwachan
स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra

ॐ शा॒न्ता द्यौः शा॒न्ता पृ॑थि॒वी शा॒न्तमि॒दमु॒र्वऽन्तरि॑क्षम्। शा॒न्ता उ॑द॒न्वती॒रापः॑ शा॒न्ता नः॑ स॒न्त्वोष॑धीः ॥

शा॒न्तानि॑ पूर्वरू॒पाणि॑ शा॒न्तं नो॑ अस्तु कृताकृ॒तम्। शा॒न्तं भू॒तं च॒ भव्यं॑ च॒ सर्व॑मे॒व शम॑स्तु नः ॥

संपूर्ण स्वस्तिवाचन

इस प्रकार यहां सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन मंत्र (यजुर्वेदीय) के साथ-साथ ऋग्वेद स्वस्तिवाचन, सामवेद का स्वस्तिवाचन और अथर्ववेद का स्वस्तिवाचन भी संकलित किया गया जो बहुत सारे लोगों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply