पंचक शांति पूजन सामग्री 

पंचक शांति पूजन सामग्री

पंचक में मरण होने पर उसकी विशेष विधि से शांति की जाती है। पंचक मरण शांति में कुछ विशेष सामग्री भी लगती है। अधिकतर ऐसा देखा जाता है कि पंचक मरण शांति विधि का ज्ञान न होने के कारण शांति की सामग्री भी नहीं होती और न ही पंचक मरण शांति। इस आलेख में पचंक मरण होने पर उसकी शांति हेतु जो पूजन हवन आदि किये जाते हैं उसकी सामग्री सूची दी गई है। यह सामग्री सूची पूर्व प्रकाशित पंचक शांति विधि के अनुसार शांति करने उपर्युक्त है। यदि आप अन्य पद्धति के अनुसार शांति करना चाहते हैं तो उसके लिये तदनुसार सामग्री का न्यूनाधिक होना संभव है।

पंचक शांति पूजन सामग्री 

पञ्चक शांति पूजन का तात्पर्य है पञ्चक में हुई मृत्यु दोष के शांति हेतु की जाने वाली पूजा-हवन विधि। यहां दी गयी सामग्री सूचि पञ्चक में हुयी मृत्यु के लिए की जाने वाली शांति विधि के लिये ही है। पंचक शांति विधि की जानकारी पूर्व आलेख में दी जा चुकी है यदि आप पंचक शांति पूजन विधि देखना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

  1. कलश – ५
  2. ढकनी – ५
  3. दीप – २६ या ९
  4. रुई बत्ती – २६ या ९
  5. नारियल (सजल) – ५
  6. पीली सरसों – १ पुड़िया
  7. तिल – १०० ग्राम
  8. जौ – १ पुड़िया
  9. अरवा चावल – ११ किलो (अथवा पूर्णपात्रानुसार न्यूनाधिक)
  10. चंदन
  11. रक्षासूत्र
  12. धूप
  13. सप्मृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वौषधि, पंचरत्न – ५-५
गृहारंभ विधि
पंचक शांति पूजन सामग्री 
  1. गाय का घी – १ किलो
  2. तिल या सरसों का तेल – 250 ग्राम
  3. शक्कर – 250 ग्राम
  4. कपूर – २५ ग्राम
  5. उजला, लाल कपड़ा – २ – २ मीटर
  6. गरीगोला – १
  7. यज्ञोपवीत, डांरकडोर – २५-२५
  8. काला उड़द
  9. पान – २७
  10. सुपारि – २७
  11. फल, मिठाई
  12. दही
पितृसूक्त
पंचक शांति सामग्री 
  1. अग्निस्थापन थाली, आज्यस्थाली,
  2. चरु निर्माण पात्र – टोकनी
  3. पूर्णपात्र (हवन) – पीतल का टोकना
  4. स्रुवा, स्रुचि, प्रोक्षणी, प्रणीता, स्फय
  5. आचार्य वरण सामग्री – धोती (जोड़ा), गमछा, गंजी, आसनी आदि।
  6. ब्रह्मा वरण सामग्री – धोती १ जोड़ा, गमछा
  7. तीर्थ जल
  8. पञ्चपल्लव या आम्र पल्लव
  9. फूल, माला, दूर्वा
  10. वेदी हेतु बालु
  11. आग हेतु कंडा, जलावन

यदि पञ्चक शान्ति करने वाले आचार्य श्राद्ध कर्म में भी सम्मिलित हों तो श्राद्ध कर्म का वरण अलग से करना चाहिये। पञ्चक शांति स्वतंत्र कर्म है एवं यहां दी गयी आचार्य वरण सामग्री से आचार्य वरण करने पर पञ्चक शांति कर्म तक के लिये ही वर्णित होंगे न कि श्राद्धकर्म के लिये भी।

पंचक शांति पूजन विधि pdf डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।

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