नवार्ण जप विधि , सप्तशती न्यास – श्री दुर्गा सप्तशती पाठ

नवार्ण जप विधि , सप्तशती न्यास – श्री दुर्गा सप्तशती पाठ

॥ अथ नवार्णजप विधिः॥

नवार्ण मंत्र के विषय में दो पक्ष हैं अर्थात नवार्ण मंत्र भी दो प्रकार के देखे जाते हैं :

  1. “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” – यहां प्रणवरहित पक्ष का अवलंबन किया गया है।
  2. “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” – कई पुस्तकों में और अधिकतर गीताप्रेस की पुस्तक का प्रयोग होता है इस कारण सप्रणव प्रयोग होता है।

सप्रणव पक्ष का अवलंबन करने वाले सर्वत्र प्रणव प्रयोग करें। गुरुमुख से प्राप्त मंत्र का प्रयोग करें।

॥ विनियोग ॥

सर्वप्रथम हाथ में जल लेकर न्यास का विनियोग करे :

॥ ऋष्यादिन्यास ॥

नीचे लिखे न्यासवाक्यों में से एक-एक का उच्चारण करके दाहिने हाथ की अँगुलियों से क्रमशः सिर, मुख, हृदय, गुदा, दोनों, चरण और नाभि – इन अंगों का स्पर्श करें :

॥ करन्यास॥

करन्यास में सभी उंगलियों और करतल एवं करपृष्ठ का न्यास किया जाता है। अन्य सभी न्यासों में तो दाहिने हाथ की उंगलियों से निर्दिष्ट अङ्ग का स्पर्श करके न्यास किया जाता है किन्तु करन्यास में विधि अलग हो जाती है, जिसका निर्देश दिया गया है :

मंगल श्लोक पाठ
नवार्ण जप विधि

॥ हृदयादिन्यास ॥

हृदयादिन्यास के लिये दाहिने हाथ की पाँचों उंगुलियों से हृदय आदि अंगों का स्पर्श किया जाता है, कुछ लोग करतल से भी करते हैं :

॥ अक्षरन्यास ॥

अग्रांकित मंत्रों से क्रमशः शिखा आदि का स्पर्श करें :

सरल पूजा विधि
नवार्ण मंत्र

॥ दिङ्न्यास ॥

दशों दिशाओं में चुटकी बजाये :

॥ ध्यानम् ॥

फिर पुष्पादि लेकर देवी का ध्यान करे :

माला की पूजा

इस मंत्र से माला को दाहिने हाथ में ग्रहण करे :

फिर इस श्‍लोक को पढ़कर देवी के वामहस्त में जप निवेदन करें।

॥ सप्तशतीन्यास ॥

तदनन्तर सप्तशती के विनियोग, न्यास और ध्यान करने चाहिये। न्यास की विधि (स्पर्श करना) पूर्ववत् है-

॥ विनियोग ॥

॥ करन्यास ॥

॥ हृदयादिन्यास ॥

॥ ध्यान ॥

॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः सुशांतिर्भवतु सर्वारिष्ट शान्तिर्भवतु

आगे सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती के अनुगमन कड़ी दिये गये हैं जहां से अनुसरण पूर्वक कोई भी अध्याय पढ़ सकते है :

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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