दुर्गा सप्तशती पाठ अध्याय 9

दुर्गा सप्तशती पाठ अध्याय 9

सभी प्रमुख असुरों की मृत्यु के उपरांत शुम्भ-निशुम्भ विशाल सेना के साथ युद्ध करने आया। भयंकर युद्ध के साथ ही नौवें अध्याय में निशुम्भ वध की कथा है। नौवें अध्याय में उवाचादि सहित कुल ४१ श्लोक हैं जिसमें से २ उवाच हैं और ३९ श्लोक हैं। प्रथम अध्याय से नौवें अध्याय पर्यन्त श्लोकों की कुल संख्या 543 होती है। इस आलेख में दुर्गा सप्तशती का निशुम्भ वध नामक नवम अध्याय दिया गया है।

दुर्गा सप्तशती पाठ अध्याय 9

निशुम्भ-वध

॥ ध्यानम् ॥

॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः सुशांतिर्भवतु सर्वारिष्ट शान्तिर्भवतु

आगे सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती के अनुगमन कड़ी दिये गये हैं जहां से अनुसरण पूर्वक कोई भी अध्याय पढ़ सकते है :

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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