महामृत्युंजय जप की भी कई विधि है तदनुसार पूजा की भी कई विधि है। पूजा-अनुष्ठान की विधि विस्तृत भी हो सकती है और मात्र एक कलश स्थापन करके भी की जा सकती है। किन्तु एक तथ्य यह भी है कि सवालाख महामृत्युंजय जप कराना एक विस्तृत विधान ही है और जब करे तो अनुष्ठान के अनुसार ही करे। यहाँ मुख्य पूजा विधि (विस्तृत) के अनुसार जो घर में अनुष्ठान पूर्वक किया जाता है जिसमें जप की संख्या सवा लाख होती है पूजा सामग्री दी गयी है। आचार्य के विवेक व यजमान की आर्थिक क्षमता के आधार पर इसमें न्यूनाधिक्य संभव है।
महामृत्युंजय जाप सामग्री – maha mrityunjaya jaap samagri
जब घर में अनुष्ठान पूर्वक सवा लाख महामृत्युंजय जप अनुष्ठान करना हो तो कितनी वेदी बनाना आवश्यक है पहले ये निर्णय करे। कहीं आवश्यक वेदी भी नहीं बनाया जाता और कहीं अनावश्यक वेदी भी बना दिया जाता है। वेदी सम्बन्धी चर्चा महामृत्युंजय जप विधि में की गयी है यहाँ क्लिक करके आप उसे पढ़ सकते हैं।
यहाँ जो सामग्री सूची दी गई है वह 9 दिन में 7 ब्राह्मणों के द्वारा अनुष्ठान किये जाने के अनुसार है। पूजा सामग्री में हवन सामग्री सम्मिलित नहीं है हवन सामग्री अलग से नीचे दी गयी है।
सामग्री सूची
- कलश – 5, ढकनी – 7
- ताम्र कलश – 1
- कांस्य कलश – 1 (पुण्याहवाचन हेतु)
- नारियल (पानी वाला) – 5
- सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वौषधि, पञ्चरत्न – 5-5 पुड़िया
- रक्षासूत्र – 3
- पीली सरसों – 2 पुड़िया
- अरबा चावल – 3 किलो
- तिल – 100 ग्राम
- जौ – 100 ग्राम
- श्रीखण्ड चंदन – 1, चंडौटा – 1
- कुंकुम – 2 शीशी
- सिंदूर – 5 गद्दी
- भस्म – 9 पुड़िया
- केसर – 25 ग्राम
- दीप – 50 – 100, अखण्ड दीप – 1, चौमुख – 1
- बत्ती – 2 पुड़िया
- धूप – 1 किलो, धूपबत्ती, धूपदानी
- धूना और गुग्गुल – 100 ग्राम
- इलेक्ट्रिक लाइटर – 1
- कपूर – 100 ग्राम
- घी – 2 किलो
- शक्कड़ – 500 ग्राम
- मधु – 200 ग्राम
- पान – 15, सुपारी – 15, लौंग, इलायची (प्रतिदिन)
- नैवेद्य – पायस, मिष्टान्न, फल, मेवा आदि प्रतिदिन
- गुलाब जल, ठंडा तेल, इत्र (स्प्रे)
- अबीर – गुलाल, अबरख बुक्का
- रंग – लाल, पीला, हरा, काला 4-4 पुड़िया
- पीला कपड़ा, उजला कपड़ा, लाल कपड़ा – 2-2 मीटर
- वस्त्र – धोती, गमछा भगवान और वेदियों पर चढाने के लिये
- साड़ी, साया, ब्लॉज पीस, चुनड़ी आदि पार्वती जी के लिये व मातृका वेदियों के लिये।
- शृंगार सामग्री – ऐना, कंघी, अलता, पैररंगा, केशपिन, बिंदी, मेंहदी, काजल, गुलाब जल, सुगन्धित तेल, इत्र (स्प्रे), लहठी इत्यादि – 3-3 सेट
- आभूषण (यथासंभव)
- वृद्धि (हेम) श्राद्ध हेतु – स्वर्ण यथा संभव
- जनेउ और डाँरकडोर – 21-21
- नर्मदेश्वर, महामृत्युञ्जय यंत्र, सिंहासन
- नवग्रह पताका – 1
- चांदनी – 1
- दूध, दही, गंगा जल, फूल, माला, तुलसी, दूर्वा, शमीपत्र, बेलपत्र, केला का पत्ता। आवश्यकतानुसार प्रतिदिन।
- पञ्चपल्लव – आम, वट, पीपल, पाकर, गुल्लड़।
- जहां केला का पत्ता अनुपलब्ध हो वहां अन्य उपलब्ध अथवा भोज के पत्ते का प्रयोग किन्तु थर्मोकॉल प्लेट–दोने का प्रयोग न करें। पीतल थाली-कटोरी का प्रयोग करें।
- ब्राह्मण वरण सामग्री – धोती – 7 जोड़ा, गमछा, गंजी, कुर्ता, चादर, आसनी, रुद्राक्ष माला, गोमुखी, पञ्चपात्र, अर्घा, कांसा का थाली-कटोरी-लोटा-ग्लास-चम्मच, पवित्री इत्यादि
- वेदी बनाने के लिये चौकी – 2 (1×1 हाथ), 1 (½×½)
हवन सामग्री – आहुति संख्या 12500
तिल – 15 किलो
अरबा चावल – 21 किलो
जौ – 4 किलो
शक्कर – 2.5 किलो
गाय का घी – 15 किलो
नवग्रह लकड़ी – 1
कांस्य थाली और जाम – 1 – 1
पीतल टोकना – 2 (पूर्णपात्र और चरु निर्माण हेतु)
पीतल डब्बू – 1
स्रुवा, स्रुचि, स्फय, प्रोक्षणी, प्रणीता – 1 – 1
जलावन – 40 किलो
गोयठा (कंडा) – 25
धूप चेलखी – 1 किलो
कुण्ड निर्माण हेतु ईंट – 50, यदि कुण्ड न बना सके तो वेदी के लिये – 20

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।