यद्यपि व्यवहार में प्रचलित उस मुंडन संस्कार का इस संस्कार से कोई संबंध नहीं है न ही कोई औचित्य साथ ही यदि उपनयन के साथ ही किया जाय तो भी पृथक मुंडन मुहूर्त की कोई आवश्यकता नहीं। तथापि जैसे भी मुंडन कहकर ही किया जाता है। मुंडन संस्कार अर्थात चूडाकरण पृथक रूप से भी किया जाता है। यदि मुंडन संस्कार पृथक रूप से न किया गया हो तो उपनयन संस्कार के पहले किया जाता है। यहां मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 दिये गये हैं।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 – mundan muhurat
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 जानने से पहले मुंडन मुहूर्त कैसे बनाये जाते हैं उसका विचार करना आवश्यक है। अतः प्रथमतया मुंडन के लिये संस्कार हेतु शुभ मुहूर्त निर्धारण करने के सभी सूत्रों को समझेंगे जिससे उपर्युक्त दिन में भी सही काल का निर्धारण सरलता से किया जा सके।
वर्ष विचार
उपनयन-विवाहादि में वर्ष गणना गर्भ से ही करने की आज्ञा है किन्तु चूडाकरण में जन्म से भी गणना की जा सकती है किन्तु नारद के अनुसार जन्म से गणना मध्यम है गर्भ से गणना करना ही उत्तम है। तृतीय, पञ्चम अथवा सप्तम वर्ष में करे, पञ्चम और सप्तम वर्ष गौण काल है, उत्तम तृतीय वर्ष ही है। यदि ग्यारहवें वर्ष किया जाय तो अधम होता है। मुंडन में गर्भ और जन्म दोनों विहित है, अपने कुलपरम्परा के अनुसार दोनों में से जो ग्राह्य उसका ग्रहण करे।
अयन व गोल
मुंडन संस्कार हेतु उत्तरायण को ग्रहण करने के लिये कहा गया है। यदि गोल भी उत्तर हो तो अधिक उत्तम पक्ष होता है, तथापि अनिवार्य नहीं है।
मास
उत्तरायण कहने से उत्तरायण के 6 मास सिद्ध होते हैं – माघ, फाल्गुन, चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़। किन्तु चैत्र को निषिद्ध कहा गया है अतः 5 माह की ही सिद्धि होती है। पुनः ज्येष्ठ माह को ज्येष्ठ संतान के लिये वर्जित किया गया है एवं मार्गशीर्ष भी ज्येष्ठ संतान को छोड़कर ग्रहण किया जाता है।
तिथि
द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि में मुंडन करना चाहिये। किन्तु कृष्ण पक्ष में पञ्चमी तक ही मुंडन संस्कार करे।
वार
सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार में मुंडन करे। क्षौरकर्म के लिये गुरुवार निषिद्ध नहीं होता।
नक्षत्र
अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, ज्येष्ठा, श्रवण, धनिष्ठा, रेवती। रोहिणी, स्वाति, शतभिषा और तीनों उत्तरा को मध्यम कहा गया है।
इसके अतिरिक्त लग्न विचार भी किया जाता है साथ ही यदि ससमय (निर्धारित काल में) व सविधि (चूडाकरण विधि से) करना हो तो अन्य विशेष विचार भी करना चाहिये। उपनयन के साथ करने पर उपनयन के मुहूर्त से ही चूडाकरण किया जाता है अलग-अलग मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 जनवरी
- 17 जनवरी, बुधवार, पौष शुक्ल सप्तमी (मकर संक्रांति होने से सौर मास – माघ), नक्षत्र उत्तराभाद्र पद व रेवती दोनों।
- 31 जनवरी बुधवार, माघ कृष्ण पञ्चमी (कृष्णपक्ष होने से पंचमी तक ही मुहूर्त) पञ्चमी 11:35 am तक, नक्षत्र हस्त में।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 फरवरी
- 19 फरवरी, सोमवार, माघ शुक्ल दशमी तिथि, नक्षत्र मृगशिरा 10:32 am तक।
- 21 फरवरी, बुधवार, माघ शुक्ल त्रयोदशी में, त्रयोदशी 11:27 am से, नक्षत्र पुनर्वसु।
- 22 फरवरी, गुरुवार, माघ शुक्ल त्रयोदशी में, त्रयोदशी 1:21 pm तक, नक्षत्र पुष्य।
- 26 फरवरी, सोमवार, फाल्गुन कृष्ण द्वितीया, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी।
- 22 फरवरी, गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण पञ्चमी, नक्षत्र चित्रा और स्वाति दोनों प्रशस्त।

मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 मार्च
1 मार्च, सोमवार, फाल्गुन शुक्ल द्वितीया 10:44 am से, नक्षत्र उत्तराभाद्र पद।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 अप्रैल
15 अप्रैल, सोमवार, चैत्र शुक्ल सप्तमी 12:11 pm तक, नक्षत्र पुनर्वसु।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 मई
- 9 मई, गुरुवार, वैशाख शुक्ल द्वितीया (दृक्तुल्य से क्षयतिथि), नक्षत्र रोहिणी 11:55 am से।
- 10 मई, शुक्रवार, वैशाख शुक्ल तृतीया, रोहिणी और मृगशिरा दोनों नक्षत्र प्रशस्त।
- 20 मई, सोमवार, वैशाख शुक्ल त्रयोदशी 3:58 pm से, चित्रा नक्षत्र।
- 27 मई, सोमवार, ज्येष्ठ कृष्ण (चतुर्थी) पंचमी में 4:53 pm से, नक्षत्र उत्तराषाढ़ा।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 जून
- 7 जून, शुक्रवार, ज्येष्ठ शुक्ल (प्रतिपदा) द्वितीया में 4:44 pm से, नक्षत्र मृगशिरा।
- 10 जून, सोमवार, ज्येष्ठ शुक्ल (चतुर्थी) पञ्चमी में 4:14 pm से, नक्षत्र पुष्य।
- 17 जून, सोमवार, ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी, नक्षत्र चित्रा।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 जुलाई
- 8 जुलाई, सोमवार, आषाढ़ शुक्ल तृतीया, नक्षत्र पुष्य 6:02 am तक।
- 12 जुलाई, शुक्रवार, आषाढ़ शुक्ल (षष्ठी) सप्तमी में 12:32 pm से, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी और हस्त दोनों प्रशस्त।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 अगस्त
अगस्त में चातुर्मास्य है अतः कोई भी मुंडन मुहूर्त नहीं है।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 सितम्बर
सितम्बर में चातुर्मास्य है अतः कोई भी मुंडन मुहूर्त नहीं है।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 अक्टूबर
अक्टूबर में चातुर्मास्य है अतः कोई भी मुंडन मुहूर्त नहीं है।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 नवम्बर
- 18 नवम्बर, सोमवार, मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया, मृगशिरा नक्षत्र में 3:48 pm तक।
- 20 नवम्बर, बुधवार, मार्गशीर्ष कृष्ण पञ्चमी में 4:49 pm तक, पुनर्वसु और पुष्य दोनों नक्षत्र।
मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 दिसम्बर
- 5 दिसम्बर, गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल (चतुर्थी) पंचमी में 12:49 pm से, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र।
- 6 दिसम्बर, शुक्रवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी में 12:07 pm तक, श्रवण नक्षत्र।
- 11 दिसम्बर, बुधवार, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी, रेवती और अश्विनी दोनों नक्षत्र में।
यदि उपरोक्त मुहूर्तों में कोई अन्य मुहूर्त छूट गया हो तो उसके लिये टिप्पणि करके अवश्य बतायें।
F & Q :
प्रश्न : मुंडन पूजा घर पर कैसे करें?
उत्तर : मुंडन संस्कार वास्तव में घर पर ही करना चाहिये, तथापि मंदिरों व नदी तट आदि पर भी किये जाते हैं । मुंडन संस्कार का मूल नाम चूडाकरण संस्कार है। मुंडन कहने से बाल कटाना मात्र सिद्ध होता है, मुंडन संस्कार नहीं।
प्रश्न : क्या सावन में मुंडन होता है?
उत्तर : मुंडन सावन में भी किया जा सकता है किन्तु मुंडन संस्कार सावन में नहीं होता है।
प्रश्न : मुंडन मुहूर्त कैसे देखे?
उत्तर : मुंडन मुहूर्त देखने के लिये मास, पक्ष, तिथि, नक्षत्र और वार का न्यूनतम विचार करना चाहिये, जिसके बारे में ऊपर बताया गया है। विशेष विचार करने के लिये दैवज्ञ से परामर्श लेना चाहिये।
प्रश्न : मुंडन के लिए कौन सी पूजा की जाती है?
उत्तर : मुंडन हेतु किसी विशेष पूजा की आवश्यकता नहीं होती। मुंडन संस्कार के लिये विशेष रूप से मातृका पूजा, नान्दीश्राद्ध, कलश पूजन करके चूडाकरण पद्धति से हवन किया जाता है।
कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।