दान करने की विधि और मंत्र

दान करने की विधि और मंत्र

Table of Contents

टेलीविजन (उपकरण सहित) दान :

  • एंटीना आदि उपकरण सहित टेलीविजन पर तीन बार इस मंत्र से पुष्पाक्षत छिड़के : ॐ सोपकरण दूरदर्शन यन्त्राय नमः ॥३॥
  • उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) की पुष्पाक्षत से तीन बार पूजा करे : ॐ ब्राह्मणाय नमः ॥३॥
  • एंटीना आदि उपकरण सहित टेलीविजन को कुशोदक से सिक्त करे ।
  • पुनः तिल, जल लेकर इस मंत्र से त्रिकुशा व तिल-जल; उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे – ॐ अद्य ………  गोत्रस्य पितुः ……… प्रेतस्य (…… गोत्रायाः मातुः ………. प्रेतायाः)  स्वर्गकाम इदं सोपकरण दूरदर्शन यंत्रं विश्वकर्म दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥
  • पुनः त्रिकुश, तिल, जल, दक्षिणा लेकर दक्षिणा करे : ॐ अद्य कृतैतत् सोपकरण दूरदर्शन यंत्र दान प्रतिष्ठार्थं एतावत् द्रव्यमूल्यकं हिरण्यं अग्नि दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥ उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे।

फ्रिज (बोतल में जल, फल, मिष्टान्न आदि सहित) दान :

  • बोतल में जल, फल, मिष्टान्न आदि शीतक रखे हुये फ्रिज पर तीन बार इस मंत्र से पुष्पाक्षत छिड़के : ॐ सोपकरण शीतक यन्त्राय नमः ॥३॥
  • उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) की पुष्पाक्षत से तीन बार पूजा करे : ॐ ब्राह्मणाय नमः ॥३॥
  • बोतल में जल, फल, मिष्टान्न आदि रखे हुये फ्रिज को कुशोदक से सिक्त करे ।
  • पुनः तिल, जल लेकर इस मंत्र से त्रिकुशा व तिल-जल; उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे – ॐ अद्य ………  गोत्रस्य पितुः ……… प्रेतस्य (…… गोत्रायाः मातुः ………. प्रेतायाः)  स्वर्गकाम इदं सोपकरण शीतक यंत्रं विश्वकर्म दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥
  • पुनः त्रिकुश, तिल, जल, दक्षिणा लेकर दक्षिणा करे : ॐ अद्य कृतैतत् सोपकरण शीतक यंत्र दान प्रतिष्ठार्थं एतावत् द्रव्यमूल्यकं हिरण्यं अग्नि दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥ उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे।

पंखा दान :

  • पंखा पर तीन बार इस मंत्र से पुष्पाक्षत छिड़के : ॐ व्यजन यन्त्राय नमः ॥३॥
  • उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) की पुष्पाक्षत से तीन बार पूजा करे : ॐ ब्राह्मणाय नमः ॥३॥
  • पंखा को कुशोदक से सिक्त करे ।
  • पुनः तिल, जल लेकर इस मंत्र से त्रिकुशा व तिल-जल; उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे – ॐ अद्य ………  गोत्रस्य पितुः ……… प्रेतस्य (…… गोत्रायाः मातुः ………. प्रेतायाः)  स्वर्गकाम इदं व्यजन यंत्रं विश्वकर्म दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥
  • पुनः त्रिकुश, तिल, जल, दक्षिणा लेकर दक्षिणा करे : ॐ अद्य कृतैतत् व्यजन यंत्र दान प्रतिष्ठार्थं एतावत् द्रव्यमूल्यकं हिरण्यं अग्नि दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥ उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे।

मोटरसाइकिल दान :

  • उपकरणादि से अलंकृत मोटरसाइकिल पर तीन बार इस मंत्र से पुष्पाक्षत छिड़के : ॐ सोपकरण गतिशक्तियंत्रयुत् द्विचक्रवाहनाय नमः ॥३॥
  • उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) की पुष्पाक्षत से तीन बार पूजा करे : ॐ ब्राह्मणाय नमः ॥३॥
  • उपकरणादि से अलंकृत मोटरसाइकिल को कुशोदक से सिक्त करे ।
  • पुनः तिल, जल लेकर इस मंत्र से त्रिकुशा व तिल-जल; उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे – ॐ अद्य ………  गोत्रस्य पितुः ……… प्रेतस्य (…… गोत्रायाः मातुः ………. प्रेतायाः)  स्वर्गकाम इदं सोपकरण गतिशक्तियंत्रयुत् द्विचक्रवाहनं उत्तानाङ्गिरो दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥
  • पुनः त्रिकुश, तिल, जल, दक्षिणा लेकर दक्षिणा करे : ॐ अद्य कृतैतत् सोपकरण गतिशक्तियंत्रयुत् द्विचक्रवाहन दान प्रतिष्ठार्थं एतावत् द्रव्यमूल्यकं हिरण्यं अग्नि दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणां अहं ददे ॥ उत्तराग्र त्रिकुशा (दर्भबटु) पर दे।

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