संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि - sankashti ganesh chaturthi

ध्यान

आवाहन – स्थापन

आसन

पाद्य

अर्घ्य

आचमन

पञ्चामृत

शुद्धोदक

वस्त्र (रक्तवस्त्र)

॥ इदं आचमनीयं ॐ भूर्भुवःस्वः भगवते श्रीगणेशाय नमः ॥

यज्ञोपवीत

॥ इदं आचमनीयं ॐ भूर्भुवःस्वः भगवते श्रीगणेशाय नमः ॥

चन्दन

सिन्दूर

अक्षत

पुष्प

माला

माला

धूप

दीप

नैवेद्य

आचमन

फल

ताम्बूल

दूर्वाङ्कुरपूजा

तत्पश्चात 42 दुर्वांकुर ले ले। आगे दिये गये 21 नामों से 2-2 दुर्वांकुर अर्पित करे :

  1. ॐ वक्रतुण्डाय नमः ॥
  2. ॐ एकदन्ताय नमः
  3. ॐ लम्बोदराय नमः
  4. ॐ विकटाय नमः
  5. ॐ विघ्नराजाय नमः
  6. ॐ विघ्ननाशिने नमः
  7. ॐ गजाननाय नमः
  1. ॐ विनायकाय नमः
  2. ॐ गणाधिपतये नमः
  3. ॐ उमापुत्राय नमः
  4. ॐ सिद्धविनायकाय नमः॥
  5. ॐ सङ्कटनाशिने नमः
  6. ॐ कृष्णपिङ्गाक्षाय नमः
  7. ॐ भालचन्द्राय नमः
  1. ॐ शूर्पकर्णाय नमः
  2. ॐ त्रिलोचनाय नमः
  3. ॐ पाशाङ्कुशधराय नमः
  4. ॐ सुमुखाय नमः
  5. ॐ सिन्दूराभाय नमः
  6. ॐ ईशपुत्राय नमः
  7. ॐ कुमारगुरवे नमः

अर्घ्य

गणेश पूजा - गणेश अष्टोत्तरशत नाम

इसी प्रकार २१ पत्र पुष्पों से भी पूजा की जा सकती है, यदि आप २१ पत्र-पुष्पों से भी पूजा करना चाहें तो सिद्धिविनायक पूजा विधि देखें।

यदि अष्टोत्तरशतनाम से भगवान गणेश की पूजा करनी हो तो उससे भी कर सकते हैं। यहां अष्टोत्तर शतनाम से गणपति पूजा करने का नाम मंत्र दिया गया है : गणेश अष्टोत्तर शतनाम पूजा मंत्र

तत्पश्चात चन्द्र को दुग्ध का अर्घ्य देकर चतुर्थी तिथि को भी अर्घ्य प्रदान करे।

चन्द्रार्घ्य मंत्र

चतुर्थ्यर्घ्यदान

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