श्री सूक्त संस्कृत पाठ – सस्वर संपूर्ण

श्री सूक्त संस्कृत पाठ – सस्वर संपूर्ण

ऋग्वेद के पांचवें मंडल के अंत में माता लक्ष्मी की स्तुति की गयी है जिसे श्री सूक्त कहा जाता है। माता लक्ष्मी का ही एक अन्य नाम श्री है इस कारण से माता लक्ष्मी के सूक्त को ही श्री सूक्त कहा जाता है। यहाँ श्रद्धालुओं के लाभ हेतु सस्वर और स्वररहित दोनों प्रकार से श्री सूक्त दिया गया है। इसके साथ ही अंत में पौराणिक श्रीसूक्त भी दिया गया है।

  • सभी देवियों की षोडशोपचार पूजा श्री सूक्त से ही की जाती है।
  • श्री सूक्त से माता लक्ष्मी एवं अन्य देवियों का अभिषेक भी किया जाता है।
  • विशेष लाभ हेतु सम्पुटित श्री सूक्त का पाठ भी किया जाता है।
  • माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये श्री सूक्त के १६ मंत्रों से घी द्वारा होम किया जाता है।

श्री सूक्त संस्कृत पाठ – सस्वर संपूर्ण

श्री सूक्त संपूर्ण

श्री सूक्त संपूर्ण कहकर अन्य सूक्त भी श्रीसूक्त के साथ समाहित किये जाते देखे जा रहे हैं। तो क्या जो वेदोक्त श्री सूक्त है वह अपूर्ण है। यह प्रश्न स्वाभाविक है। लेकिन लक्ष्मी के अन्य सूक्तों को श्री सूक्त के साथ जोड़ा जाता है जो अधिक लाभकारी हो सकता है। किन्तु श्री सूक्त के 16 मंत्र ही जो ऋग्वेद में उपलब्ध है संपूर्ण श्री सूक्त है।

श्री सूक्त संस्कृत

श्री सूक्त संस्कृत
श्री सूक्त संस्कृत

श्री सूक्त का पाठ हिंदी में : श्री सूक्त का पाठ हिंदी में कैसे हो सकता है ? यह एक विचारणीय प्रश्न है। मंत्रों की महत्ता और फल संस्कृत पाठ से ही संभव है अन्य भाषाओं में रूपांतरित करने पर भगवन्नाम उच्चारण से कल्याण तो अवश्य होगा किन्तु देवभाषा संस्कृत ही है एवं जितने भी मंत्र-स्तोत्र-सूक्त हैं वो संस्कृत में ही हैं एवं उनको संस्कृत में ही पढ़ना चाहिये।

श्री सूक्त के 16 मंत्र

श्री सूक्त में कुल १६ मंत्र ही हैं। १५ मंत्र एवं अंतिम एक माहात्म्य मंत्र।कुछ लोग भ्रम उत्पन्न करते हैं की माहात्म्य की गिनती नहीं की जा सकती। लेकिन यह यथार्थ नहीं है, वेद की प्रत्येक ऋचा मंत्र ही है। और अंतिम माहात्म्य ऋचा सहित श्री सूक्त मंत्रों की कुल संख्या १६ ही है १५ नहीं।

श्री सूक्त पाठ के लाभ

  • श्री सूक्त के पाठ से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • श्री सूक्त पाठ से धन-संपत्ति-ऐश्वर्य आदि की वृद्धि होती है।
  • श्री सूक्त पाठ से दुःख – दरिद्रता का नाश होता है।
  • श्री सूक्त पाठ से वंश की वृद्धि होती है।
  • श्री सूक्त पाठ से ऋण का नाश होता है।
  • श्री सूक्त पाठ से व्यापार आदि के वृद्धि होती है।
श्री सूक्त के 16 मंत्र
श्री सूक्त के 16 मंत्र

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