
कैसे करते हैं वेदारम्भ संस्कार – vedarambh
वेदारम्भ संस्कार – वेदाध्ययन का मूल स्वरूप गुरुकुल में आचार्य से दीक्षित होकर ब्रह्मचर्यधारण पूर्वक सभी नियमों का पालन करते हुये वेदाध्ययन करना है। सामान्य जनों की वेदाध्ययन से निवृत्ति हो गयी है।
वेदारम्भ संस्कार – वेदाध्ययन का मूल स्वरूप गुरुकुल में आचार्य से दीक्षित होकर ब्रह्मचर्यधारण पूर्वक सभी नियमों का पालन करते हुये वेदाध्ययन करना है। सामान्य जनों की वेदाध्ययन से निवृत्ति हो गयी है।
उपनयन संस्कार विधि – यद्यपि उपनयन एक ही संस्कार है तथापि युगव्यवस्था से उपनयन में एक साथ 4 संस्कार सम्पन्न किया जाता है :- चूडाकरण, उपनयन, वेदारंभ व समावर्तन ।