
देवी सूक्त संस्कृत – वेदोक्त देवी सूक्त, तंत्रोक्त देवी सूक्त
सप्तशती पाठ के बाद देवीसूक्त पाठ करना चाहिये। देवीसूक्त भी वेदोक्त और तंत्रोक्त दो प्रकार के हैं। यहां ऋग्वेदोक्त देवीसूक्त और तंत्रोक्त (जो कि श्रीदुर्गासप्तशती का ही है) देवी सूक्त, दोनों दिया गया है।