व्रात्य - Vraty

उपनयन संस्कार और व्रात्य

उपनयन संस्कार और व्रात्य, व्रात्य का अर्थ – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तीनों वर्णों के लिये यज्ञोपवीत की एक सुनिश्चित अवधि है, व्रात्य का अर्थ होता है उस अवधि का अतिक्रमण हो जाना। निर्धारित अवधी व्यतीत हो जाने पर जिस व्यक्ति का उपनयन नहीं होता अथवा 10 संस्कारों का लोप हो जाता है उसे व्रात्य कहा जाता है ।

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