वर वरण विधि | सगुन – sagun | हस्त ग्रहण वाग्दान कैसे करें

वर वरण विधि | सगुन – sagun | हस्त ग्रहण वाग्दान कैसे करें

वर वरण विधि | सगुन – sagun | हस्त ग्रहण वाग्दान कैसे करें ? वाग्दान विधि : अव्यंगेऽपतितेऽक्लीवे दशदोष विवर्जिते । इमां कन्यां प्रदास्यामि देवाग्नि द्विज सन्निधौ ॥ ………. शर्माणं (यथायोग्य) वरं कन्या प्रतिगृहीतृत्वेन त्वामहं वृणे॥

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