यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र - 4 suryashtak stotra

यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र – 4 suryashtak stotra

यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र – 4 suryashtak stotra : सर्वप्रथम साम्ब कृत सूर्याष्टक स्तोत्र (आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर) दिया गया है जो सर्वाधिक प्रसिद्ध है और प्रयोग भी किया जाता है। तत्पश्चात पण्डितरघुनाथशर्मा विरचित श्रीसूर्याष्टक दूसरे क्रम पर है और तीसरे क्रम पर अनन्तानन्दसरस्वतीविरचित श्रीसूर्याष्टक दिया गया है। पुनः चतुर्थ क्रम पर गायत्रीस्वरूप ब्रह्मचारीविरचित श्रीसूर्याष्टक दिया गया है। इसके साथ ही अंत में भास्कराष्टक नामक स्तोत्र भी दिया गया है।

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