पुरुषसूक्त – Purush Shuktam – 1

यजुर्वेदीय पुरुषसूक्त – Purush Shuktam यजुर्वेदीय पुरुषसूक्त – Purush Shuktam

वैदिक सूक्तों में सर्वाधिक उपयोग होने वाले सूक्त का नाम है पुरुष सूक्त। वेदों में वर्णित पुरुषसूक्त विशेष महत्वपूर्ण सूक्त है। पुरुषसूक्त के मंत्रों से सभी देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजा की जाती है। विष्णु यज्ञ, महा विष्णु यज्ञ, अतिविष्णु यज्ञों में पुरुष सूक्त के मंत्रों द्वारा ही आहुति दी जाती है। यहां यजुर्वेदोक्त पुरुष सूक्त दिया गया है।

पुरुष सूक्त क्या है

ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेदों में वर्णित १६ ऋचाएं जो भगवान विष्णु की स्तुति है पुरुष सूक्त है।

  • पुरुष का तात्पर्य भगवान विष्णु हैं और सूक्त का तात्पर्य विशेष महत्वपूर्ण वचन या स्तुति है साथ ही वेदों की कई ऋचाओं का समूह भी सूक्त कहलाता है।
  • इस प्रकार पुरुष सूक्त का तात्पर्य यही होता है कि भगवान विष्णु से संबंधित वेद की ऋचाओं का समूह।
  • पुरुष सूक्त में भगवान के पुरुष स्वरूप और उनके अंगों का वर्णन किया गया है।
  • पुरुष सूक्त में कुल १६ ऋचाएं हैं।
  • पुरुष सूक्त का जापक सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
पुरुष सूक्त क्या है
पुरुष सूक्त क्या है

पुरुषसूक्त का मतलब

पुरुष का तात्पर्य भगवान विष्णु है। साथ ही साथ पुरुष ब्रह्म के लिये भी प्रयुक्त होता है। पुरुष सूक्त में पुरुष का मतलब भगवान विष्णु और ब्रह्म दोनों ही है। इस प्रकार पुरुष सूक्त का मतलब होता है वेदों में वर्णित भगवान विष्णु या ब्रह्म की स्तुति वाली ऋचायें।

यजुर्वेद के ३१वें अध्याय में प्रथम ऋचा से १६ ऋचायें पुरुषसूक्त नाम से जानी जाती है।

पुरुष सूक्त के 16 मंत्र
पुरुष सूक्त के 16 मंत्र

पुरुष सूक्त के 16 मंत्र

॥ इति शुक्लयजुर्वेदीयपुरुषसूक्तं सम्पूर्णम्॥ शुक्लयजुर्वेद ३१/१-१६

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply