व्यापार या कारोबार बढ़ाने के उपाय से संबंधित इस आलेख में हम मुख्य और सबसे महत्वपूर्ण उपाय की चर्चा करेंगे। कारोबार वृद्धि के लिये व्यापार की वस्तु से संबंधित ग्रह को जानना और उनको प्रसन्न करना सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। हम पहले विभिन्न वस्तुओं के ग्रहों को जानेंगे फिर उनके मंत्रों-रत्नों को जिससे संबंधित ग्रह को प्रसन्न करके व्यापार में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। साथ ही व्यापार वृद्धि के लिये श्रीदुर्गा सप्तशती के भी एक प्रभावशाली मंत्र को जानेंगे जो कोई नहीं बताता।
कारोबार बढ़ाने के उपाय
मेरा कारोबार कैसे बढ़ेगा इसके संबंध में सबसे पहले यह आवश्यक होता है कि कारोबार की वस्तु क्या है।
ग्रहों से सबंधित मुख्य वस्तुयें :
- सूर्य : ताम्र, गेंहू, जंगल या पहाड़ की यात्रा, गुड़, फल, रेशों (बांस या अन्य) से बनी वस्तुयें, सींग या हड्डी से बने सामान, ऊन व ऊनी वस्त्र, फोटोग्राफी, लकड़ी।
- चंद्र : चांदी, दूध, जल, दूध व जल से बनने वाली वस्तुएं, चावल, कपास, सफेद-वस्त्र, शंख, मोती, सब्जी, रेडीमेड कपड़े, आयुर्वेदिक दवायें, सीसा, चीनी, नमक।
- मंगल : बिजली एवं बिजली से सम्बंधित वस्तुयें, अग्नि, अस्त्र-शस्त्र, भूमि, गुड़, मांस, मसूर, ईंटों का भट्ठा, मिट्टी, बालू।
- बुध : बुध व्यापार का मुख्य कारक ग्रह है। लेखन, मुद्रण, कागज, तीर्थ यात्रा, संचार, फोटोस्टेट, कंप्यूटर, मोबाइल, हरी सब्जी, मूंग, धनियां, पीतल।
- गुरु : सोना, पुस्तक, चना, घी, मिठाई, हल्दी, केशर, केला, शहद।
- शुक्र : कला, कलात्मक और भोग से सम्बंधित वस्तुएं, वस्त्र, वाहन, सौन्दर्ये-प्रसाधन, आभूषण, रत्न, होटल, दवा, हीरा, चाय-कॉफी।
- शनि : कृषि, खनिज, तेल, लोहा, प्लास्टिक एवं रबड़ (प्लम्बर), टंकी, काली वस्तुयें, पुरानी वस्तुयें, कोयला, तेल, गैस, सीमेंट, टायर, तिल, उड़द।
- राहु : विष, कीटनाशक, एसिड, इंटरनेट, चार्जर।
- केतु : सॉफ्टवेयर, नशीली वस्तुयें, कम्बल, पत्थर।