ग्रहों के यंत्र :
जिस ग्रह के वस्तुओं का व्यापार हो सबसे पहले उस ग्रह का यंत्र बनाकर पूजा स्थान पर स्थापित चाहिये। ग्रहों के मंत्र से प्रतिदिन उस यंत्र की पूजा करनी चाहिये। ग्रहों के यंत्र इस प्रकार बनाये जाते हैं :
६ | १ | ८ |
७ | ५ | ३ |
२ | ९ | ४ |
७ | २ | ९ |
८ | ६ | ४ |
३ | १० | ५ |
८ | ३ | १० |
९ | ७ | ५ |
४ | ११ | ६ |
९ | ४ | ११ |
१० | ८ | ६ |
५ | १२ | ७ |
१० | ५ | १२ |
११ | ९ | ७ |
६ | १३ | ८ |
११ | ६ | १३ |
१२ | १० | ८ |
७ | १४ | ९ |
१२ | ७ | १४ |
१३ | ११ | ९ |
८ | १५ | १० |
१३ | ८ | १५ |
१४ | १२ | १० |
९ | १६ | ११ |
१४ | ९ | १६ |
१५ | १३ | ११ |
१० | १७ | १२ |
- नोट : यंत्रों में जिस प्रकार संस्कृत अंक अंकित हैं उसी प्रकार अंकित करना चाहिये अंग्रेजी में नहीं।