कुम्भ विवाह की विधि – कुम्भ विवाह पद्धति pdf सहित

कुम्भ विवाह की विधि – कुम्भ विवाह पद्धति pdf सहित

शुभ मुहूर्त में निर्धारित स्थल पर आकर पञ्चदेवता व विष्णु पूजन करे।

संक्षिप्त पवित्रीकरण आदि :

  • पवित्रीकरण मंत्र : ॐ अपवित्रः पवित्रोऽवा सर्वावस्थाङ्गतोऽपि वा यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याऽभ्यन्तरः शुचि: । पुण्डरीकाक्षः पुनातु । ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु ॥
  • आचमन मंत्र : ॐ केशवाय नमः । ॐ माधवाय नमः । ॐ नारायणाय नमः । तीन बार आचमन करके ओठों को अंगुष्ठमूल से पोंछकर हाथ धो लें – ॐ हृषीकेशाय नमः ॥
  • आसनशुद्धि मंत्र : ॐ पृथिवी त्त्वया धृता लोका देवी त्वम् विष्णुना धृता । त्वम् च धारय मां देवी पवित्रं कुरु चासनम् ॥
  • दिग्बंधन मंत्र : ॐ अपसर्पन्तु ते भूता ये भूता भूमिसंस्थिताः । ये भूता विघ्नकर्तारस्ते नश्यन्तु शिवाज्ञया ॥ बांयें हाथ पीली सरसों लेकर दाहिने हाथ से ढंककर अभिमंत्रित करे, तत्पश्चात दशों दिशाओं में छिड़काव करना चाहिए।
  • रक्षाबंधन या मौली बांधना : ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः । तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल ॥ इस मंत्र से रक्षासूत्र बांधे।
कुम्भ विवाह प्रयोग
कुम्भ विवाह प्रयोग

पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि

  • पंञ्चदेवता पूजन
  • विष्णु पूजन मंत्र
  • अक्षत : इदं अक्षतं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवता: इहागच्छत इह तिष्ठत ।
  • जल : एतानि पाद्यार्घाचमनीयस्नानीयानि ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • फूल चंदन : इदं सचंदनपुष्पं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • अक्षत : इदं अक्षतं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • जल : एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बूल यथाभागनैवेद्यं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • जल : आचमनीयं पुनराचमनीयम् ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • फूल : पुष्पांजलिं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • विसर्जन : ॐ सूर्यादि पञ्चदेवता: पूजितास्थ प्रसीदत प्रसन्ना: भवत छमध्वं स्व-स्व स्थानं गच्छत।
  • तिल-यव : एते यवतिलाः ॐ भूर्भुवः स्व: भगवन् श्रीविष्णो इहागच्छ इह तिष्ठ।
  • जल : एतानि पाद्यार्घाचमनीयस्नानीयानि ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • फूल चंदन : इदं सचंदनपुष्पं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • तिल-यव : एते यवतिलाः ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • तुलसी : एतानि तुलसीदलानि ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • जल : एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बूल यथाभागनैवेद्यं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • जल : आचमनीयं पुनराचमनीयम् ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • फूल : पुष्पांजलिं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • विसर्जन : ॐ भूर्भुवः स्व: भगवन् विष्णो पूजितोसि प्रसीद प्रसन्नो भव छमस्व स्व स्थानं गच्छ ।


फिर स्वस्तिवाचन करके संकल्प करे। त्रिकुशा, तिल, जल, पुष्प, चन्दन, द्रव्य, दूर्वा आदि मांगलिक द्रव्य लेकर इस प्रकार संकल्प करे :

कुम्भ विवाह की विधि
कुम्भ विवाह की विधि

तत्पश्चात् आचार्य वरण करके क्रमशः गणपत्यादि पूजन करे। सभी पूजा विधि अन्य आलेख में पूर्व प्रकाशित हैं और उनके लिंक यहां समाहित किये गये हैं :

  1. गणेशाम्बिका पूजन
  2. कलश स्थापन
  3. पुण्याहवाचन
  4. मातृका पूजन,
  5. नान्दी श्राद्ध
  6. अग्न्युत्तारण विधि – वरुण और विष्णु प्रतिमा का अग्न्युत्तारण विधि से पञ्चामृत द्वारा स्नपन करे अथवा अग्न्युत्तारण करके पञ्चामृत से स्नान कराकर, पुनः जल से स्नान करके पूर्व स्थापित कलश पर दोनों प्रतिमाओं को स्थापित करे :

तत्पश्चात् मङ्गल स्नान पूर्वक वधू रूप में अलंकृत कन्या को कङ्कन बंधन करके कुम्भ के समीप बैठाये, फिर संकल्प द्रव्यादि ग्रहण करके पूजा का संकल्प करे :

संकल्प करके वरुण और विष्णु की वैदिक ऋचाओं का पाठ करे :

  • वरुण : ॐ तत्त्वा यामि ब्रह्मणा वन्दमानस्तदा शास्ते यजमानो हविर्भिः । अहेडमानो वरुणेह बोध्युरुश ᳪ समा न आयुः प्र मोषीः॥
  • विष्णु : ॐ विष्णोरराटमसि विष्णोः श्नप्त्रेस्त्थो विष्णोः स्यूरसि विष्णोर्ध्र्रुवोसि वैष्णवमसि विष्णवे त्वा ॥ 
कुम्भ विवाह विधि
कुम्भ विवाह विधि

फिर वरुण और विष्णु का षोडशोपचार या पञ्चोपचार पूजन करे : षोडशोपचार पूजन विधि

  1. वरुण पूजन नाममंत्र : ॐ वरुणाय नमः ॥
  2. विष्णु पूजन नाम मंत्र : ॐ विष्णवे नमः ॥
विवाह पद्धति | विवाह विधि और मंत्र | जयमाला विधि सहित – वाजसनेयी – vivah vidhi
विवाह पद्धति | विवाह विधि और मंत्र | जयमाला विधि सहित – वाजसनेयी – vivah vidhi

मधुपर्क : फिर कांस्य पात्र में मधुपर्क अन्य कांस्य पात्र से ढंककर अर्पित करे – ॐ मधुपर्कः प्रतिगृह्यताम् ॥

मङ्गलाष्टक


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