mahamrityunjay mantra in english : “Om haun om jun sah om bhurbhuvah swah tryambakam yajamahe sugandhim pushtivarddhanam urvarukamiv bandhanan mrityormukshiy mamritat bhurbhuvah swarom jun sah haun om”
mahamrityunjay mantra benefits : Chanting Mahamrityunjaya Mantra has the following benefits –
- The risk of untimely death reduces.
- When sick, it is beneficial for the healthy to get well soon.
- By chanting Mahamrityunj, accidents do not occur or at least occur less.
- Chanting Mahamrityunjaya eliminates the fear of the unknown.
- Chanting Mahamrityunjaya reduces mental stress.
- By chanting Mahamrityunjaya, other health related problems also get eliminated.
52 अक्षर का महामृत्युंजय मंत्र के अलग-अलग वर्ण :
- ॐ
- हौं
- जूं
- सः
- ॐ
- भूः
- भु
- वः
- स्वः
- ॐ
- त्र्यं
- ब
- कं
- य
- जा
- म
- हे
- सु
- गं
- धिं
- पु
- ष्टि
- व
- र्द्ध
- नं
- उ
- र्वा
- रु
- क
- मि
- व
- बन्
- ध
- नान्
- मृ
- त्युः
- मु
- क्षी
- य
- मा
- ऽमृ
- तात्
- ॐ
- भूः
- भु
- वः
- स्वः
- ॐ
- जूं
- सः
- हौं
- ॐ
F & Q ?
प्रश्न : घर में महामृत्युंजय जाप कैसे करें?
उत्तर : घर में प्रातः काल स्नान और नित्यकर्म करके पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख बैठे। पवित्रीकरण, आचमन, प्राणायाम करके एक घी का दीपक जला ले। फिर महामृत्युंजय का ध्यान पूजा करके, न्यास करे और माला की पूजा करके तब जप करना चाहिये।
प्रश्न : महामृत्युंजय जाप कितने घंटे का होता है?
उत्तर : यह जप संख्या पर निर्भर करता है। एक माला जप करने में 9 से 11 मिनट लग सकता है। 1100 जप करना हो तो 2.25 घंटे लगेंगे।
प्रश्न : महा मृत्युंजय मंत्र कब पढ़ना है?
उत्तर : जप के समय महामृत्युंजय मंत्र बोलकर नहीं पढ़ना चाहिये मन ही मन पढ़ना चाहिये, लेकिन हवन करते समय उच्चारण करके पढ़ना चाहिये।
प्रश्न : क्या हम बिना स्नान के मंत्र जाप कर सकते हैं?
उत्तर : किसी भी मंत्र को जप करने से पहले शरीर और मन को शुद्ध करना आवश्यक होता है। स्नान करने से शरीर की शुद्धि होती है और मानसिक विकारों को दूर करने से मानसिक शुद्धि होती है। शुद्धि के बिना जप करना निष्फल अथवा विपरीत फल प्रदायक भी हो सकता है इसलिये स्नानादि किये बिना जप नहीं करना चाहिये।
प्रश्न : महामृत्युंजय मंत्र कम से कम कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर : माला में 108 मनके होते हैं। न्यूनतम 1 माला अर्थात कम-से-कम 108 बार जप करना चाहिये। यदि उससे भी कम जप करना हो तो करमाला पर 10 बार जप करना चाहिये।
प्रश्न : महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या होता है?
उत्तर : महामृत्युंजय मंत्र अर्थ इस प्रकार है : हम त्रिनेत्र (महामृत्युंजय) का चिंतन-पूजन करते हैं जो जीवन को सुगन्धित, परिपूर्ण व को पोषित करता है और वृद्धि करता है। ककड़ी की तरह हम इसके तने (नश्वरता) से अलग (मुक्त) हों किन्तु अमरत्व से नहीं।
प्रश्न : क्या मैं पीरियड्स के दौरान शिवलिंग को छू सकती हूं?
उत्तर : स्त्रियों के लिये शास्त्रों में शिवलिंग का स्पर्श करना निषेध किया गया है, चाहे रजस्वला हो या न हो। जब रजस्वला न हो तो भी पूजा करते समय भी बिना स्पर्श किये ही पूजा करनी चाहिये।
प्रश्न : क्या औरतों को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए?
उत्तर : हाँ औरतों के लिये भी शिवलिंग का स्पर्श मात्र निषेध है, पूजा करना नहीं। इसलिये बिना स्पर्श किये स्त्रियां भी जल चढ़ा सकती हैं।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।