नरसिंह अष्टक – narsingh ashtakam

नरसिंह अष्टक - narsingh ashtakam

ये तो हम जानते हैं कि स्तोत्रों में अष्टक स्तोत्र का विशेष महत्व होता है। दिशाओं की संख्या ८ है, प्रणाम में ८ अंगों द्वारा प्रणाम करने पर साष्टांग प्रणाम होता है, माला में भी ८ मनके अधिक होते हैं। अष्टक में ८ स्तुति श्लोक होने से वह स्वतः विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है। भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिये भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारण किया था और उनकी प्रसन्नता के लिये अष्टक स्तोत्रों का पाठ करना विशेष लाभकारी हो सकता है। यहां 4 नरसिंह अष्टक (narsingh ashtakam) स्तोत्र दिये गये हैं।

नृसिंहाष्टकम् – 2

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