संकल्प विधि और मंत्र – Sankalp

संकल्प विधि और मंत्र

दुर्गा पूजा संकल्प मंत्र :- ॐ अद्यैतस्य ब्रह्मणोह्नि द्वितीय परार्द्धे श्री श्वेत वाराह कल्पे वैवस्वत मन्वंतरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे प्रथम चरणे मासानां मासोत्तमे …………. मासे …………. पक्षे ………….. तिथौ …………. वासरे …………. गोत्रस्य ………… मम श्री …………. शर्मणः (वर्मणः/गुप्तः) सपरिवारस्योपस्थित शरीराविरोधेन महाभयाभावपूर्वक विपुलधन धान्य सुतान्विताऽतुल विभूति चतुर्वर्ग फलप्राप्तिपूर्वक सर्वाऽरिष्ट निवारणार्थं सकल मनोरथ सिद्ध्यर्थं श्रीदुर्गायाः प्रीत्यर्थं साङ्गसायुधसवाहनसपरिवारायाः भगवत्याः श्रीदुर्गादेव्याः पूजनमहं करिष्ये ।

रामनवमी पूजा विधि और मंत्र

कर्मकांड विधि
संकल्प

सर्वाधिक बृहद् संकल्प “हेमाद्रि संकल्प” कहा जाता है। यदि आप हेमाद्रि संकल्प पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

F & Q

प्रश्न : संकल्प से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : किसी शुभ उद्देश्य से शुभकर्म को करने की प्रतिज्ञा करना संकल्प है।

प्रश्न : संकल्प क्यों किया जाता है?
उत्तर : बिना संकल्प किये कर्म की सिद्धि नहीं होती अतः किसी भी कर्म में संकल्प आवश्यक होता है।

प्रश्न : संकल्प का पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर : संकल्प का पर्यायवाची शब्द प्रतिज्ञा है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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