सत्यनारायण भगवान के भजन – भक्ति भजन हिंदी लिखित में

सत्यनारायण भगवान के भजन - भक्ति भजन हिंदी लिखित में

सर्वाधिक किये जाने वाले पूजा में सत्यनारायण पूजा ही सबसे ऊपर आता है, अनेकों भक्तजन तो मासिक सत्यनारायण पूजा भी करते हैं। सत्यनारायण पूजा से संबंधित पूजा विधि, सामग्री सूची, मंत्र, कथा आदि अन्य आलेखों में प्रकाशित की गयी है। इस आलेख में सत्यनारायण भगवान के कई भजन दिये गये हैं। साथ ही साथ सत्यनारायण भगवान की नई आरती भी दी गई है। भजन और आरती के साथ-साथ नारायण सूक्त भी दिया गया है।

सत्यनारायण भगवान के भजन – भक्ति भजन हिंदी लिखित में

यह पोस्ट सत्यनारायण भगवान की आराधना के गानों, आरतियों और भजनों से संपन्न हैं, उनकी कहानियों और पूजा विधान के विषय में जानकारी प्रदान करते हैं। ये श्रद्धा और भगवान के प्रति अपनी समर्पण की भावना को व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम प्रस्तुत करते हैं। यह संपूर्ण पोस्ट भक्ति, विश्वास और भगवान के प्रति अद्वितीय प्रेम को उजागर करती है।

स्वर:~ तेरा साथ है तो मुझे

सत्यनारायण भगवान की आरती लिखी हुई

लाज रखो प्रभु अब शरण हूं तुम्हारे
सत्यनारायण स्वामी लाज बचा ले ।
महिमा तेरी है भगवन जग में निराली
आरति गाउं तेरी बजाकर के ताली ।।
किया है निहाल सबको अब मेरी बारी
कृपा की दृष्टि डालो हो तारनहारी ।
क्या – क्या सुनाएं तुझको दुःख की कहानी
समझ लो प्रभु तुम हो अंतर्यामी।।
आरति गाउं तेरी बजाकर ….
कलयुग का जीव हूं मैं मंदमति भारी
ज्ञान विवेक शून्य रोगी दुखियारी ।
काया सक्षम न मैं साधन अनेक हैं
आया शरण तेरे जो दयालु तू एक है ।।
आरति गाउं तेरी बजाकर …

स्वर :~ बहारों फूल बरसाओ

सत्यनारायण भगवान के भजन

रहे मन चरणों में हरि के, हो मुख पे नारायण नारायण।
चौरासी लाख योनि में, बड़ा दुर्लभ ये नर तन है।
मिला है जो बड़े ही पुण्य-कर्मों का यही फल है।
कर ले साधन मुक्ति का, यही एक लाभ जीवन का ।।
रहे मन चरणों में …..

न है तू सिर न ही तू हाथ, न है तू उदर न ही है पांव ।
न आंख न कान न जिह्वा तू, न नासिका है न है तू दांत ।
नहीं तुम देह समझो इसे, ढूंढो अब मैं आखिर कौन ?
रहे मन चरणों में ……

बड़ा ही कठिन है तत्त्वज्ञान, सरल साधन है भक्ति मान ।
ज्ञान से निर्गुण निराकार, भक्ति वही सगुण साकार।
रसो वै सः का असली रस, है मिलता भक्ति से केवल ।।
रहे मन चरणों में …..

अगले पृष्ठ पर जायें ….

Leave a Reply