महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र – अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र – अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र एक बहुत ही सुंदर स्तोत्र है जिसे भगवती की अर्चना में लयपूर्वक पढ़ा जाता है। इसका प्रयोग पुष्पांजलि हेतु भी किया जा सकता है। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र में कुल २२ श्लोक मिलते हैं। इस आलेख में महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित दिया गया है। इसके साथ ही भगवती के अनेकों अन्य स्तोत्रों के अनुगमन पथ भी दिये गये हैं जिसका अनुसरण करते हुये अन्य स्तोत्रों का भी अवलोकन करना सरल हो जाता है।

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