यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta sahasranama

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta sahasranama

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta sahasranama : यहां श्रीविश्वसारतन्त्रोक्त छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र (chinnamasta sahasranama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta ashtottara shatanama stotram : यहां छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र (chinnamasta ashtottara shatanama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra : माता छिन्नमस्ता जो कि दशमहाविद्या में से एक हैं,सकल चिंताओं का अंत करती है और मन में चिन्तित हर कामना को पूर्ण करती हैं; इसलिए उन्हें चिंतपुरणी या चिंतापुरणी भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में देवी छिन्नमस्ता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी जो चिंतपुरणी मंदिर नाम से जाना जाता है। यहां छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र (chinnamasta hridaya stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach : यहां छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र (maa chinnamasta kavach) संस्कृत में दिया गया है। यह कवच भैरव-भैरवी संवाद रूप में भैरवतंत्र में वर्णित है जिसे त्रैलोक्यविजय नामक कवच भी कहा जाता है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra : यहां सर्वप्रथम माता छिन्नमस्ता के अनेकानेक ध्यान मंत्र दिये गये हैं तत्पश्चात अत्यंत प्रभावशाली ब्रह्मकृतं छिन्नमस्तास्तोत्रम् जिसे छिन्नमस्ता स्तवराज के नाम से भी जाना जाता है दिया गया है तत्पश्चात शंकराचार्य विरचित स्तोत्र जिसे प्रचण्डचण्डिका स्तवराज भी कहा जाता है दिया गया है और अंत में छिन्नमस्ता द्वादशनाम स्तोत्र जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है दिया गया है।

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