महाशिवरात्रि पूजा विधि और मंत्र- mahashivratri puja vidhi

महाशिवरात्रि पूजा विधि और मंत्र- mahashivratri puja vidhi

भगवान शिव और पार्वती का विवाह फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था और इसी कारण इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि व्रत १४ वर्षों तक करना चाहिए। इस व्रत में रात के चारों पहर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है, रात्रिजागरण, नृत्य-गीत, मन्त्र जप, स्तोत्र पाठ आदि करना चाहिए।

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प्रातः स्मरण मंत्र - प्रातः वंदना

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

प्रातः स्मरण मंत्र – प्रातः वंदना : यह पोस्ट ब्रह्ममुहूर्त में उठने, अपना स्वर जाँचने, करदर्शन, पृथ्वी से क्षमा और गण्डूष के नियम जैसी प्रातः कृत्यों की महत्ता पर बात करता है। इसमें वर्णित है कि ब्रह्ममुहूर्त रात्रि का चौथा पहर होता है और इसका काल सूर्योदय से 3 घंटे पहले शुरू होता है और ३६ मिनट पहले समाप्त होता है। यह पोस्ट विशेषरूप से प्रातःरिति और धार्मिक अभ्यासों की प्रामाणिकता एवं महत्व को स्पष्ट करने में सहायक होती है।

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