
स्कन्दपुराणोक्त शंकर नारायण सहस्रनाम स्तोत्र – shankar narayan sahasranama
अनेकानेक अवसरों पर भगवान विष्णु का भी वचन है कि उनमें और भगवान शंकर में भेद न रखे, उसी प्रकार भगवान शिव का भी वचन है कि उन दोनों में भेदबुद्धि का आश्रय न ले। संयुक्त रूप में दोनों को हरि हर, शंकर नारायण आदि भी कहा जाता है। इनके संयुक्त यज्ञ भी होते हैं जिसे हम हरिहर यज्ञ नाम से जानते हैं। ऐसे में आवश्यकता इनके संयुक्त सहस्रनाम की भी होती है और हमें स्कन्द पुराण में शंकर नारायण सहस्रनाम स्तोत्र (shankar narayan sahasranama) मिलता है जो यहां संस्कृत में दिया गया है।