
स्वस्तिवाचन मंत्र संस्कृत में – Swastiwachan No.1
swastiwachan – स्वस्ति अर्थात कल्याण, वाचन अर्थात बोलना, इस प्रकार स्वस्तिवाचन अर्थात जिन वचनों/मंत्रों से कल्याण हो। वेद में कल्याणकारी ऋचाओं के समूह को भद्रसूक्त या स्वस्तिवाचन कहा जाता है। ब्राह्मण को विराट्पुरुष का शिर कहा गया है और ब्राह्मणों के वचन को विशेष महत्व दिया गया है। इस लिये वैदिक ब्राह्मणों द्वारा कल्याण की कामना से भद्रसूक्त का पाठ करना स्वस्तिवाचन कहलाता है।