Headlines
यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र - 4 suryashtak stotra

यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र – 4 suryashtak stotra

यहां है एक नहीं चार-चार सूर्याष्टक स्तोत्र – 4 suryashtak stotra : सर्वप्रथम साम्ब कृत सूर्याष्टक स्तोत्र (आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर) दिया गया है जो सर्वाधिक प्रसिद्ध है और प्रयोग भी किया जाता है। तत्पश्चात पण्डितरघुनाथशर्मा विरचित श्रीसूर्याष्टक दूसरे क्रम पर है और तीसरे क्रम पर अनन्तानन्दसरस्वतीविरचित श्रीसूर्याष्टक दिया गया है। पुनः चतुर्थ क्रम पर गायत्रीस्वरूप ब्रह्मचारीविरचित श्रीसूर्याष्टक दिया गया है। इसके साथ ही अंत में भास्कराष्टक नामक स्तोत्र भी दिया गया है।

Read More
सूर्य स्तोत्र संस्कृत - Surya Stotra

सूर्य स्तोत्र संस्कृत – 7 Surya Stotra

सूर्य स्तोत्र संस्कृत – 7 Surya Stotra : यहां क्रमशः सूर्यप्रातःस्मरण स्तोत्र, सूर्य द्वादशनाम स्तोत्र, सूर्यमण्डल स्तोत्र – सूर्य मण्डलाष्टक, विश्वकर्मकृत सूर्य स्तवन – मार्कण्डेयपुराणोक्त, सूर्य द्वादशकं – साम्बकृत, कश्यपकृत सूर्य स्तुति – मुद्गल पुराणोक्त और महाभारतोक्त युधिष्ठिरविरचित सूर्यस्तोत्र संस्कृत में दिये गये हैं। भगवान सूर्य की उपासना में इन सातों स्तोत्रों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

Read More
आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत - 2 aditya hriday stotra

आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत – 3 aditya hriday stotra

आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत – 2 aditya hriday stotra : सर्वप्रथम निरोगकारी आदित्यहृदय स्तोत्र पद्मपुराणोक्त दिया गया है तत्पश्चात भविष्योत्तरपुराणोक्त आदित्यहृदय स्तोत्र दिया गया है और लंका पर विजय प्राप्त करने के लिये भगवान श्रीराम ने जिस आदित्य हृदय स्तोत्र से भगवान सूर्य की उपासना किया था वह वाल्मीकि रामायण में वर्णित है और वह भी दिया गया है। सभी स्तोत्र संस्कृत में दिये गये हैं

Read More