सूर्य स्तोत्र संस्कृत – 7 Surya Stotra

सूर्य स्तोत्र संस्कृत - Surya Stotra

देवताओं का स्तोत्र पूजा-उपासना का एक बहुत ही प्रभावशाली अंग है। देवताओं को प्रसन्न करने और कृपा प्राप्ति में स्तोत्र बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भगवान सूर्य की दो रूपों में पूजा-अर्चना की जाती है प्रथम तो देवता के रूप में और द्वितीय ग्रह के रूप में इस कारण भगवान सूर्य के स्तोत्रों का महत्व भी दोगुना हो जाता है। इस आलेख में भगवान सूर्य के 7 प्रमुख स्तोत्र संस्कृत में दिये गये हैं।

यहां क्रमशः सूर्यप्रातःस्मरण स्तोत्र, सूर्य द्वादशनाम स्तोत्र, सूर्यमण्डल स्तोत्र – सूर्य मण्डलाष्टक, विश्वकर्मकृत सूर्य स्तवन – मार्कण्डेयपुराणोक्त, सूर्य द्वादशकं – साम्बकृत, कश्यपकृत सूर्य स्तुति – मुद्गल पुराणोक्त और महाभारतोक्त युधिष्ठिरविरचित सूर्यस्तोत्र संस्कृत में दिये गये हैं। भगवान सूर्य की उपासना में इन सातों स्तोत्रों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

सूर्यप्रातःस्मरण स्तोत्र

सूर्य द्वादशनाम स्तोत्र

सूर्यमण्डल स्तोत्र – सूर्य मण्डलाष्टक

विश्वकर्मकृत सूर्य स्तवन – मार्कण्डेयपुराणोक्त

सूर्य द्वादशकं – साम्बकृत

कश्यपकृत सूर्य स्तुति – मुद्गल पुराणोक्त

महाभारतोक्तं युधिष्ठिरविरचितं सूर्यस्तोत्रं

सूर्य सहस्रनाम स्तोत्र - surya sahasranam stotra

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply