
हरिवासर 2024
हरिवासर योग क्या है : हरिवासर के विषय में कल्पद्रुम का जो प्रमाण है उससे ज्ञात होता है कि द्वादशी का प्रथम चरण हरिवासर होता है। यहां प्रथम चरण कहने का तात्पर्य प्रथम चतुर्थांश है। यह हरिवासर सभी द्वादशी में होता है और यदि एकादशी रात्र्यंत तक हो तो भी अगले दिन का पारण द्वादशी के प्रथम चतुर्थांश व्यतीत होने के पश्चात् ही करना चाहिये। और यह नियम सभी एकादशी व्रत के संबंध में है।