नारायण सूक्त अर्थ सहित – शुक्ल यजुर्वेदोक्त

नारायण सूक्त अर्थ सहित – शुक्ल यजुर्वेदोक्त

नारायण सूक्त में ब्रह्मज्ञान विषयक गूढ़ार्थ सन्निहित है।
इसे पुरुष सूक्त का परभाग भी कहा जा सकता है।
यह ब्रह्म ज्ञान के महत्व को भी बताता है।
देवता ब्रह्मज्ञानियों के वश में होते हैं इसमें ऐसा भी बताया गया है।
इसमें परमात्मा के विषय में यह बताया गया है की वह सर्वव्यापी तो है ही अर्थात उसे बाहर भी देखा जा सकता है किन्तु वह सबके भीतर भी है और उसे भीतर भी पाया या जाना जा सकता है।
इसमें यह भी बताया गया है कि परमात्मा को जाने बिना कल्याण अर्थात मोक्ष का कोई अन्य उपाय नहीं है।

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