एकादश मुखी हनुमान कवच - ekadash mukhi hanuman kavach

एकादश मुखी हनुमान कवच – ekadash mukhi hanuman kavach

एकादश मुखी हनुमान कवच – ekadash mukhi hanuman kavach : जिस प्रकार हनुमान जी का एक स्वरूप पंचमुखी है और वो इसलिये कि भगवान शिव के पांच मुख हैं और हनुमान रुद्रावतार ही हैं। उसी प्रकार से रुद्रों की संख्या ११ है और इसलिये हनुमान का एक स्वरूप एकादश मुखी हनुमान वाला भी है।

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पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र - panchmukhi hanuman hridaya stotra

पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र – panchmukhi hanuman hridaya stotra

पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र – panchmukhi hanuman hridaya stotra : पंचमुखी हनुमान कवच का प्रयोग अधिकतर देखा जाता है और इनका हृदय स्तोत्र भी है जिसे पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र या श्रीपञ्चवक्त्रहनुमत् हृदयस्तोत्रम् (panchmukhi hanuman hridaya stotra) नाम से जाना जाता है।

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सुदर्शनसंहितोक्त पंचमुखी हनुमान कवच - panchmukhi hanuman kavach

सुदर्शनसंहितोक्त पंचमुखी हनुमान कवच – panchmukhi hanuman kavach

सुदर्शनसंहितोक्त पंचमुखी हनुमान कवच – panchmukhi hanuman kavach : हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप को अराधना में विशेष महत्व प्राप्त है और इनकी अराधना में सबसे मुख्य कवच है जिसे पंचमुखी हनुमान कवच (panchmukhi hanuman kavach) कहते हैं। यदि हम पंचमुखी हनुमान कवच की बात करें तो यह विशेष महत्वर्पूण है जो श्रीसुदर्शन संहिता में शिव-पार्वती संवाद रूप में मिलता है।

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एकमुखी हनुमान कवच - ekmukhi hanuman kavach

एकमुखी हनुमान कवच – ekmukhi hanuman kavach

एकमुखी हनुमान कवच – ekmukhi hanuman kavach : यदि एकमुखी हनुमान कवच कहें तो इसका कोई विशेष अर्थ नहीं होता, जो सामान्य स्वरूप है वही एकमुखी क्योंकि सामान्य स्वरूप में तो एक मुख ही है। तथापि जैसे पंचमुखी हनुमान कवच मिलता है उसी प्रकार से ब्रह्माण्डपुराण में नारद अगस्त्य संवाद रूप में एकमुखी हनुमान कवच मिलता है।

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घटिका चल हनुमान स्तोत्र - ghatikachala hanuman stotra

घटिका चल हनुमान स्तोत्र – ghatikachala hanuman stotra

घटिका चल हनुमान स्तोत्र – ghatikachala hanuman stotra : हनुमान जी की उपासना में एक विशेष महत्वपूर्ण स्तोत्र ब्रह्माण्ड पुराण में ब्रह्मा-नारद संवाद रूप में मिलता है जिसका नाम घटिका चल हनुमान स्तोत्र (ghatikachala hanuman stotra) है। घटिकाचल स्तोत्र से धन-पुत्र-अभीष्टसिद्धि आदि फल तो प्राप्त होता ही है इसके साथ ही इस स्तोत्र का सबसे बड़ा महत्व विजय प्राप्ति का है।

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मार्कण्डेय पुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र - hanuman dhyan mantra

मार्कण्डेय पुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र – hanuman dhyan mantra

मार्कण्डेय पुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र – hanuman dhyan mantra : हनुमान जी के कुछ विशेष ध्यान मंत्र अथवा ध्यान श्लोक मार्कण्डेय पुराण में मिलता है और जिन्हें हनुमान जी के ध्यान मंत्र की आवश्यकता हो उनके लिये यह विशेष महत्वपूर्ण आलेख है क्योंकि इसमें मार्कण्डेयपुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र (hanuman dhyan mantra) दिया गया है।

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हनुमान सहस्रनाम स्तोत्र - hanuman sahasranam stotra

हनुमान सहस्रनाम स्तोत्र – hanuman sahasranam stotra

हनुमान सहस्रनाम स्तोत्र – hanuman sahasranam stotra : माता ने भगवान शिव से ग्यारहवें रुद्रावतार हनुमान को प्रसन्न करने का उपाय पूछा तो भगवान शिव ने हनुमान सहस्रनाम स्तोत्र बताया। इस स्तोत्र में हनुमान जी का एक अतिप्रभावशाली मंत्र भी उल्लिखित है जो इस प्रकार है “ॐ क्लीं नमो भगवते हनुमते स्वाहा”।

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हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र - hanuman ashtottara shatanama stotram

हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र – hanuman ashtottara shatanama stotram

हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र – hanuman ashtottara shatanama stotram : पद्मपुराणोक्त अष्टोत्तर शतनाम, ब्रह्मवैवर्त पुराणोक्त हनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्, पराशर संहितोक्त श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् और श्रीरामरहस्योक्त श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्।

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हनुमान स्तवराज, हनुमान स्तवन - hanuman stavan

हनुमान स्तवराज, हनुमान स्तवन – hanuman stavan

हनुमान स्तवराज, हनुमान स्तवन – hanuman stavan : पराशर संहिता में श्रीपराशर मैत्रेय संवाद के रूप में हनुमान जी स्तवराज वर्णित है जो विशेष महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यहां हनुमान स्तवराज संस्कृत में दिया गया है और इसके साथ ही एक अन्य हनुमान स्तवन (hanuman stavan) “कन्दर्पकोटिलावण्यं सर्वविद्याविशारदम्” संस्कृत में दिया गया है।

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श्रीहनुमत्स्तोत्रं (हनुमान स्तोत्र) - hanuman stotra

श्रीहनुमत्स्तोत्रं (हनुमान स्तोत्र) – hanuman stotra

श्रीहनुमत्स्तोत्रं (हनुमान स्तोत्र) – hanuman stotra : किसी भी देवता को शीघ्र प्रसन्न करने के महत्वपूर्ण उपाय में सबसे ऊपर स्तोत्र का स्थान आता है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भी उनके स्तोत्रों की आवश्यकता होती है और इस कारण हमें हनुमान जी के अनेकों स्तोत्र की आवश्यकता होती है।

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