श्री गोपाल स्तवराज - Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja : भगवान श्रीकृष्ण गोपालन करते थे और इसी कारण उनका एक नाम है गोपाल। भगवान के विषय में कहा गया है “गो द्विज धेनु देव हितकारी”, कर्मकांड में बिना गव्य प्रयोग के कुछ भी संभव नहीं है। यज्ञ का मूल गो है और गो के पालक भगवान स्वयं ही हैं एवं इसी कारण भगवान का एक नाम गोपाल है। स्तोत्रों में जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है उसे स्तवराज कहा जाता है।

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मधुराष्टकं - madhurashtakam

मधुराष्टकं – madhurashtakam

मधुराष्टकं – madhurashtakam : भगवान श्री कृष्ण की स्तुति करें और उसमें मधुराष्टकं न करें ऐसा कैसे हो सकता है। मधुराष्टकं भगवान श्री कृष्ण का ऐसा स्तोत्र है जो अधिकांश लोगों कंठाग्र भी रहता है। इस स्तोत्र में भगवान को सर्वविध मधुर और मधुर बताया गया है और इस स्तोत्र का पाठ-गायन-श्रवण सब विशेष मधुर लगता है।

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यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र - shri krishna stotra

यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र – shri krishna stotra

यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र – shri krishna stotra : विष्णुधर्मोक्त अर्जुन कृत कृष्ण स्तोत्र, कूर्म पुराणोक्त अदिति कृत कृष्ण स्तोत्र, ब्रह्मवैवर्त पुराणोक्त धर्म कृत कृष्ण स्तोत्र, ब्रह्म पुराणोक्त अक्रूर कृत कृष्ण स्तोत्र, विष्णु पुराणोक्त कालिय कृत कृष्ण स्तोत्र, हरिवंश पुराणोक्त नारद कृत कृष्ण स्तोत्र, भविष्य पुराणोक्त मदालस कृत कृष्ण स्तोत्र।

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श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक - krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam : भगवान के अनेकानेक स्तोत्रों में से एक प्रकार मंगल स्तोत्र भी होता है जिसमें भगवान के अनेकानेक नामों द्वारा उनसे मंगल प्रार्थना की जाती है, मंगल की कामना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के अनेकों मंगल स्तोत्र हैं जो श्रीकृष्ण मङ्गलं (krishna mangalam), कृष्ण मंगलाचरण श्लोक, श्रीकृष्ण मङ्गल स्तोत्र आदि नामों से जाने जाते हैं।

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देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र - Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra : श्रीमद्भागवतमहापुराण में भगवान श्री कृष्ण का चरित विशेष रूप से वर्णित है और श्रीकृष्ण चरित्र दशम स्कंध में वर्णित है। कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की एक स्तुति स्वयं देवकी ने किया है जो दशम स्कंध के तृतीय अध्याय में मिलता है। देवकी कृत श्री कृष्ण स्तुति में कुल ७ श्लोक हैं।

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श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं - Shri Krishna chaturvimshati Stotram

श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं – Shri Krishna chaturvimshati Stotram

श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं – Shri Krishna chaturvimshati Stotram : भगवान श्री कृष्ण के अनेकानेक स्तोत्रों में एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं (Shri Krishnachaturvimshati Stotram) जिसमें 24 श्लोक है और इसी कारण इसका नाम श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्र है। दो श्लोक फलश्रुति के हैं और इन दोनों श्लोकों को मिलाकर कुल 26 श्लोक हो जाते हैं।

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