वास्तु शांति पूजा विधि – गृह वास्तु, मंडपांग वास्तु

वास्तु शांति पूजा विधि – गृह वास्तु, मंडपांग वास्तु वास्तु शांति पूजा विधि – गृह वास्तु, मंडपांग वास्तु

प्राणप्रतिष्ठा : ॐ वास्तोष्पते प्रतिजानीह्यस्मान्स्वा वेशोऽनमीवो भवा नः। यत्त्वेमहे प्रतितन्नो जुषस्व शन्नो भव द्विपदे शं चतुष्पदे ॥ ॐ मनोजूतिर्जुषतामाज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं तन्नोत्वरिष्टं यज्ञ ᳪ समिमं दधातु॥ विश्वेदेवा स इह मादयंतामों३ प्रतिष्ठ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः ब्रह्मादि वास्तु मण्डल देवताः इहागच्छत इह तिष्ठत ॥

वास्तु मंडल पूजन मंत्र : ॐ भूर्भुवः स्वः ब्रह्माद्यावाहित वास्तुमण्डल देवताभ्यो नमः ॥
अथवा वैदिक ऋचाओं से विस्तृत पूजन करे।

  • तत्पश्चात वास्तुवेदी के मध्य में कलश स्थापन-पूजन करे।
  • फिर वास्तु प्रतिमा का अग्न्युत्तारण करके प्राण-प्रतिष्ठा-पूजन करे।
  • फिर वास्तु को दधिमाष बलि प्रदान करे।
  • प्रार्थना : ॐ पूजितोऽसि मया वास्तो हेमाद्यैरर्चनैः शुभैः । प्रसीद याहि विश्वेश देहि मे गृहजं सुखम् ॥
  • फिर स्थापन क्रम से वास्तुमंडल देवता को दधिमाष बलि दे।
  1. इदं दधि माषभक्त बलिं  ॐ ब्रह्मणे नमः॥
  2. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अर्यम्णे नमः॥
  3. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सवित्रे नमः॥ 
  4. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ विवस्वते नमः॥
  5. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ विबुधाधिपाय नमः॥
  6. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ मित्राय नमः॥
  7. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ राजयक्ष्मणे नमः॥ 
  8. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पृथ्वीधराय नमः॥
  9. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ आपवत्साय नमः॥
  10. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अद्भ्यो नमः॥
  11. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सावित्राय नमः॥ .
  12. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ जयाय नमः॥
  13. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ रुद्राय नमः॥
  14. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ शिखिने नमः॥
  15. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पर्जन्याय नमः॥
  16. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ जयन्ताय नमः॥
  17. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ कुलीशायुधाय नमः॥
  18. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सूर्याय नमः॥
  19. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सत्याय नमः॥
  20. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ भृशाय नमः॥
  21. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ आकाशाय नमः॥
  22. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ वायवे नमः॥
  23. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पूष्णे नमः॥
  24. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ वितथाय नमः॥
  25. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ गृहक्षताय नमः॥
  26. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ यमाय नमः॥
  27. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ गन्धर्वाय नमः॥
  28. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ भृंगराजाय नमः॥
  29. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ मृगाय नमः॥
  30. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पित्रे नमः॥
  31. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ दौवारिकाय नमः॥
  32. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सुग्रीवाय नमः॥
  1. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पुष्पदन्ताय नमः॥
  2. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ वरुणाय नमः॥
  3. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ असुराय नमः॥
  4. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ शोषाय नमः॥
  5. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पापाय नमः॥
  6. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ रोगाय नमः॥
  7. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः॥
  8. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ मुख्याय नमः॥
  9. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ भल्लाटाय नमः॥
  10. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सोमाय नमः॥
  11. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सर्पेभ्यो नमः॥
  12. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अदितये नमः॥
  13. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ दितये नमः॥ 
  14. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ चरक्यै नमः॥
  15. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ विदार्यै नमः॥
  16. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पूतनायै नमः॥
  17. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पापराक्षस्यै नमः॥
  18. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ स्कन्दाय नमः॥
  19. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अर्यम्णे नमः॥
  20. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ जृम्भकाय नमः॥
  21. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ पिलिपिच्छाय नमः॥
  22. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ इन्द्राय नमः॥
  23. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अग्नये नमः॥
  24. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ यमाय नमः॥
  25. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ निर्ऋतये नमः॥
  26. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ वरुणाय नमः॥
  27. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ वायवे नमः॥
  28. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ सोमाय नमः॥
  29. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ ईशानाय नमः॥
  30. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ ब्रह्मणे नमः॥
  31. इदं दधि माषभक्त बलिं ॐ अनन्ताय नमः॥

वास्तु क्षमा प्रार्थना – ॐ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिश्रद्धा विवर्जितं । यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे ॥ नमस्ते वास्तुदेवेश सर्वदोषहरो भव । शान्तिं कुरु सुखं देहि सर्वान्कामान् प्रयच्छ मे ॥

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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