व्यापार कैसे बढ़ाएं – रेस्टोरेंट (भोजनालय)

व्यापार कैसे बढ़ाएं - रेस्टोरेंट (भोजनालय)

भोजन मनुष्य की महत्वपूर्ण आवश्यकता है और इस आवश्यकता की पूर्ती का घर से बाहर रहने पर सबसे प्रमुख भोजनालय साधन होता है। नास्ता, मिठाई तो सबको हर जगह आवश्यक होता है । इस कारण जगह-जगह छोटे-बड़े रेस्टोरेंट खुलते ही रहते हैं, लेकिन नहीं चलने के कारण बहुत रेस्टोरेंट बंद भी होते हैं अथवा विक्रेता आर्थिक तंगी से परेशान होता है, चिंतित रहता है। कारोबार बढाने के ढेरों उपाय करता है परंतु वांछित लाभ नहीं मिल पाता क्योंकि मुख्य उपाय कोई नहीं बताता।

किसी भी व्यापार वृद्धि का सबसे सटीक उपाय कारोबार संबंधी ग्रह को प्रसन्न करना होता है। रेस्टोरेंट व्यवसाय बढाने के लिये किस ग्रह को प्रसन्न रखना चाहिये, शास्त्रों में ग्रह संबंधी क्या-क्या उपाय अधिक प्रभावी हैं हम इसी चर्चा पर आगे बढ़ेंगे। यदि आपका व्यवसाय भी भोजनालय का है और वांछित वृद्धि नहीं हो पा रही है तो आपको सबसे सटीक उपाय करना चाहिए।

व्यापार कैसे बढ़ाएं – रेस्टोरेंट (भोजनालय)

जब बात भोजनालय की करते हैं तो दो प्रकार के देखे जा सकते हैं – एक वो जो केवल स्थानीय आवश्यक मिठाई की दुकान होती है थोड़ा-बहुत नमकीन नास्ते की भी व्यवस्था रह सकती है और दूसरी वो जो मुख्यतः भोजन और नास्ते की दुकान होती है साथ में मिठाई भी रखती है। उपाय की चर्चा से पहले व्यवसाय के ग्रह का निर्धारण आवश्यक है अतः पहले ग्रह के बारे में जानेंगे :

भोजनालय (रेस्टोरेंट)
  • चंद्र ग्रह का प्रभाव : दूध, जल (पानी), चीनी, नमक आदि वस्तुओं पर चन्द्रमा का प्रभाव होता है। दूध और दूध से बनी मिठाई, ठंडा, लस्सी आदि का व्यवसाय हो तो उस व्यवसाय की वृद्धि के लिये चंद्र को प्रसन्न करना चाहिये।
  • शुक्र ग्रह का प्रभाव : शुक्र ग्रह का विलासिता संबंधी वस्तुओं पर प्रभाव होता है। यदि मिठाई, ठंडा, लस्सी आदि व्यवसाय की मुख्य वस्तु नहीं हो अन्य नास्ता-भोजन आदि मुख्य वस्तु हो और लोग शौक से खाने आते हों तो व्यवसाय के लिये प्रभावी ग्रह शुक्र माने जायेंगे एवं वैसे व्यापार की वृद्धि के लिये शुक्र को प्रसन्न करना चाहिये।

आगे पढ़ें ……

Leave a Reply