ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक कहा गया है अर्थात यदि सूर्य सबल होगा तो आत्मशक्ति सबल होगी और यदि सूर्य दुर्बल होगा तो आत्मशक्ति दुर्बल होगी। मनुष्य के जीवन में आत्मशक्ति या आत्मबल का विशेष महत्व होता है।
आत्मबलि व्यक्ति धीर, गंभीर, पराक्रमी, साहसी होता है और सफलता उसके लिये बांहें फैलाये रहती है और यदि आत्मबल न हो तो इन सभी गुणों का अभाव होता है। अर्थात आत्मबली – आशावादी, सफलता प्राप्त करने वाला, पराक्रमी होता है तो आत्मबल से हीन व्यक्ति निराशावादी एवं असफलता पाने वाला, पराक्रम हीन होता है। साथ ही सोचना-विचारना मन का विषय है, व्यथित भी मन ही होता है और मन का प्रतिनिधित्व चन्द्रमा करता है।
चन्द्रमा शीघ्र फल प्रदान करने वाला ग्रह है अतः चन्द्रमा किसी प्रकार से पीड़ित हो तो उसका उपचार समय-समय पर करते रहना चाहिए। ज्योतिषीय अध्ययन में सूर्य और चंद्रमा का सम्मिलित प्रभाव देखने की आवश्यकता होती है।
हम यहां आत्महत्या के करणों की नहीं आत्महत्या के कारणों का जो मूल कारण है उसकी चर्चा करेंगे। आत्महत्या रोकथाम के कार्यक्रम या प्रयासों की चर्चा करेंगे कि किन उपायों को अपनाकर आत्महत्या दर को कम किया जा सकता है।
आत्महत्या के कारण
आत्महत्या रोकथाम दी दिशा में आगे बढ़ने के लिये सबसे पहले हमें इसके मूल कारण को ढूंढना चाहिये और इसके लिये जो सनातन द्रोही सोच है पहले उसे किनारे करने की आवश्यकता होगी क्योंकि सनातन ही मनुष्य को सही जीवन जीने का तरीका बताता है और यदि इस तथ्य को स्वीकार करके आगे बढ़ेंगे तो हमें आत्महत्या रोकथाम करने की दिशा में आशातीत सफलता मिल सकती है।
कई बार सम्मान या प्रतिष्ठा पर आंच आने से प्रतिष्ठित व्यक्ति या जो आत्मसम्मान युक्त होता है आत्महत्या कर लेता है। कई बार कर्ज में डूबा व्यक्ति भी यदि कर्ज चुकाने में सक्षम न हो तो तंग आकर आत्महत्या कर लेता है। प्रेम, व्यवसाय, परीक्षा आदि में असफलता के कारण भी आत्महत्या देखी जाती है ।
आत्महत्या के पीछे किसी न किसी प्रकार का भय या मानसिक आघात अवश्य रहता है जिससे आत्मबली तो संघर्ष करता है किन्तु आत्मबल से हीन व्यक्ति संघर्ष नहीं कर पाता और आत्महत्या का चयन कर लेता है।
यहां मन में व्यक्ति हार मान लेता है मन का कारक चन्द्रमा होता है। हारता क्या है हिम्मत – हिम्मत अर्थात् साहस, पराक्रम जिसका कारक सूर्य है। पुनः निराशा, अवसाद, तनाव आदि का आश्रय क्या है – मन, टूटता क्या है – मन (दिल), समाप्त क्या होता है – सोचने की क्षमता, सोचना-विचारना किसका काम है – मन का, थकता कौन है – मन । मन का कारक – चन्द्रमा। आत्मबल का अवलोकन करके मन विचार करता है और गतिविधि के लिए प्रेरित करता है।
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