आत्महत्या करने के कारणों में बहुत सारी बातें कही जाती हैं किन्तु मूल कारण आत्मबल की कमी की चर्चा कोई नहीं करता। आत्महत्या करने का मूल कारण है आत्मबल की कमी। आत्मबल की कमी होने से ही असफलता, निराशा, अवसाद, तनाव इत्यादि जो भी आत्महत्या के कारण कहे जाते हैं उसका आश्रय मन होता है अर्थात आत्महत्या के कारणों में जिसकी चर्चा सामान्यतः की जाती है उसका भी एक मूलकारण है और वह है आत्मबल की कमी एवं कमजोर मन ।
आत्मबल की कमी से होने वाले दुष्परिणाम :
- असफलता – असफलता के पीछे जो मुख्य कारण होता है वह होता है आत्मबल की कमी।
- तनाव – तनाव का भी मुख्य कारण आत्मबल की कमी ही होता है कार्य की अधिकता नहीं।
- निराशा – आत्मबल कमजोर होने से बार-बार असफलता मिलती है और निराशा का जन्म होता है।
- अवसाद – आत्मबली अवसाद से उबरने में सक्षम होता है किन्तु आत्मबल कम होने पर अवसादग्रस्त हो जाता है।
- आत्महत्या – जीवन में कठिन परिस्थिति उतपन्न होने की स्थिति में आत्मबल से कमजोर व्यक्ति को तुरंत जो रास्ता दिखता है वो होता है आत्महत्या; क्योंकि विपरीत परिस्थियों से निपटने के लिये आत्मबल अनिवार्य है।
आत्महत्या रोकथाम के उपाय
आत्मशक्ति को बढ़ाने का प्रयास करना : सनातनद्रोह का परित्याग किये बिना इस तथ्य को स्वीकार करना असम्भव है।
- अध्यात्म – आत्मशक्ति का सीधा सम्बन्ध अध्यात्म से है अतः आत्मशक्ति को बढ़ाने के लिये अध्यात्म से जुड़ना अनिवार्य होता है – जिसमें योग, जप, पूजा, हवन आदि समाहित होते हैं।
- सूर्य उपासना – सूर्य आत्मकारक हैं अतः सूर्य की उपासना से आत्मशक्ति की वृद्धि होती है। सूर्य उपसना की विशेष चर्चा आगे की जायेगी।
सपने की दुनियां से बाहर रहना
फिल्म, धारावाहिक, सोशल मिडिया और इंटरनेट द्वारा सपने की ऐसी दुनियां में ढकेल दिया जाता है जिसकी उपलब्धता अत्यंत कठिन होती है, यह विशेषकर बेरोजगारों के साथ होता है। सपने की दुनियां से बाहर जमीनी सच्चाई को स्वीकार करके जीवन जीने के लिये सिखाया जाना चाहिये। यदि ऐसा है चंद्रमा का भी उपचार करना चाहिए।
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