महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है

महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है

महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है – महामृत्युंजय जप को पहले दो भागों में बांटेंगे तब यह सही-सही समझा जा सकता है। स्वयं करना और ब्राह्मणों द्वारा कराना; इन दोनों को विभक्त रूप से समझने पर ही दिन संख्या निर्धारित की जा सकती है।

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क्या आप तीर्थ यात्रा के महत्वपूर्ण तथ्यों को जानते हैं – tirth yatra

क्या आप तीर्थ यात्रा के महत्वपूर्ण तथ्यों को जानते हैं – tirth yatra

तीर्थ यात्रा : वह यात्रा जो पापनिवृत्ति और पुण्य प्राप्ति के उद्देश्य से विधि पूर्वक की जाती है जिसमें तीर्थदर्शन, मुण्डन, स्नान, पूजन, पितरों का पिण्डदान, दान, ब्राह्मण भोजन आदि किया जाता है, तीर्थ यात्रा कहलाती है।

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यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्। सही-सही कैसे समझें ?

यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्। सही-सही कैसे समझें ?

यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्। नाऽचरणीयं नाऽचरणीयं ॥ का अर्थ यद्यपि शुद्ध हो अर्थात सही हो किन्तु लोक विरुद्ध हो अर्थात हानिकारक हो या हानि संभावित हो तो वह वैसा आचरण मत करो वह कर्म मत करो।

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मीडिया की भूमिका एवं समस्याएं और ग्रामीण संस्कृति पर घातक प्रभाव – impact of media

10 वर्षों से ऐसा लग रहा है जैसे देश में मात्र 1 मुख्यमंत्री केजरीवाल था और अब आगे भी संभावना यही है कि केजरीवाल की जगह लेने वाला ही देश का मुख्यमंत्री दिखाया जायेगा, जैसे दिल्ली का मुख्यमंत्री न हो भारत का मुख्यमंत्री हो।

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देश के सम्मान से जुड़े राम मंदिर में ऐसे निर्णय कौन लेते हैं

राम मंदिर ऐतिहासिक मंदिर है जो देश के इतिहास और राष्ट्रसम्मान से जुड़ा हुआ है। इस कारण राम मंदिर में जो भी हो उसमें शास्त्रोक्त वचनों का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिये। यदि उपस्थित निर्णेता शास्त्र से अनभिज्ञ हों तो उन्हें विद्वानों से परामर्श लेना चाहिये और फिर कोई निर्णय करना चाहिये। अभी कुछ नये नियम बनाये गये हैं जिसकी चर्चा यहां की गयी है।

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अशौच निर्णय pdf सहित । भाग १ । अशौच के प्रकार । सूतक क्या होता है

अशौच निर्णय pdf सहित । भाग १ । अशौच के प्रकार । सूतक क्या होता है

शुचि का अर्थ होता है पवित्र, शुद्ध, निर्मल, देव-पितृ कर्म के योग्य, आदि। इसी के आगे अशुचि का अर्थ होता है शुचि अर्थात शुद्धता, पवित्रता, निर्मलता, देवपितृ कर्म की योग्यता आदि का अभाव होना। अतः अशुचि अपवित्रता, अशुद्धि, देव-पितृ कर्म में अयोग्यता का बोधक है। – अशौच निर्णय pdf सहित । भाग १ । अशौच के प्रकार । सूतक क्या होता है

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) राजनीतिक संगठन है या धार्मिक

जब नये धर्म-शास्त्रों का निर्माण करना चाहते हैं या धर्म-शास्त्रों में परिवर्तन करना चाहते हैं तो जनता को जो-जो शंकायें हों उन शंकाओं का निवारण भी तो करना होगा।

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करम प्रधान विश्व करि राखा का मूल तात्पर्य क्या है ? – karm pradhan vishwa kari rakha

सत्तालोलुप समूह, षड्यंत्रकारी आदि अपने ही कुतर्कों के जाल में किस प्रकार फंसते हैं इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है : आज के समय में वर्णव्यवस्था का महत्व नहीं है ।

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राष्ट्रहित सर्वोपरि मानकर राष्ट्र की सुरक्षा के लिये सेना को विशेषाधिकार की आवश्यकता है

एक गंभीर प्रश्न है कि जब सत्ता एवं विपक्ष की राजनीतिक लड़ाई चल रही हो और संविधान का संरक्षक मूकदर्शक बन जाये तो खतड़े में पड़ी राष्टीय सुरक्षा व आम नागरिकों के मौलिक अधिकार को कौन बचायेगा ?

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हवन विधि – महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

हवन विधि – महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

हवन विधि – महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर : प्रथम भाग में वो प्रश्न लिये गये हैं जो इंटरनेट पर अधिकतर पूछे जाते हैं और द्वितीय भाग में वो प्रश्न लिये गये हैं जो इंटरनेट पर तो नहीं पूछे जाते एवं श्रद्धालुओं के मन में होते हैं एवं जिनका उत्तर भी इंटरनेट पर लगभग नहीं मिलता है। इस कारण हवन को समझने के लिये यह आलेख विशेष महत्वपूर्ण है।

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