दुर्गा आरती & माता के भजन हिन्दी में

दुर्गा आरती & माता के भजन हिन्दी में

यहाँ आपको माता दुर्गा के आरती एवं अनेकों नये भजन मिलेंगे जिनमें से बहुत सारे फिल्मी स्वर पर भी आधारित हैं। इस सामग्री में माता दुर्गा के विभिन्न आरती और भजन मिलेंगे, जिनमें से कुछ चर्चित बॉलीवुड गीतों पर आधारित हैं। ये भजन माता की कृपा, करुणा और भक्ति की महिमा केंद्रित करते हैं। भजनों में विभिन्न समस्याओं का निवारण, कृपा प्राप्ति और दीर्घायु की कामनाएं व्यक्त होती हैं। इनमें विभिन्न भाषाओं में भजन भी शामिल हैं, जैसे कि हिन्दी और मैथिली। वेबसाइट पर प्रकाशित भजन पर लेखक का कॉपीराइट अधिकार सुरक्षित है।

दुर्गा आरती

माता जो जग की सुनती सबकी आरति उसकी गाउं।
दुःख दर्द जो हरती भक्त जनों की याद यही मैं दिलाउं ।।
वेदों ने जो गाया पुराण पढ़ाया महिमा जिसकी निराली।
चारों पहर हर क्षण हर पल पल करती है रखवाली ।।
हे मां जगदम्बे अनादि अनंते करुणामयी सुरपूजिते ।
जय असुरविनाशिके सिंह विराजिते विधिहरिशंकर वंदिते ।।
सजाकर थाली ज्योति जला ली आरति करूं तुम्हारी।
हो कामना पूरन गाये जो जन सुख मिल जाए सारी ।।

दुर्गा आरती & माता के भजन हिन्दी में
दुर्गा आरती & माता के भजन हिन्दी में

माता के भजन हिन्दी में

विविध प्रकार की समस्याओं का निवारण करने वाला भजन

संकट बड़ा विकट है माता करके कृपा उबारो न ।
नैया फंसी भंवर बीच मेरी तारणि पार लगाओ न।।
त्रुटियां हमारी ध्यान रखो ना
क्षमा सभी अपराध करो मां
शीघ्र सम्हालो ना, (हे मैया शीघ्र सम्हालो ना)।
संकट बड़ा ……
विपति की बदरी घनी बड़ी है
एक सहारा तेरी बची है
कृपा बरसाओ न (झट से कृपा बरसाओ ना) ।
संकट बड़ा ……
कहे दिगम्बर सुनेगी मैया
लाज रखेगी सबकी सहैया
जयकारा लगाओ न, मन से भजन सुनाओ ना ।
संकट बड़ा …..

माता की कृपा प्राप्ति कराने वाला भजन

आनंदमयी श्यामा , हमको न बिसराना |
पावन निज चरणों से, हमको न ठुकराना ||
पापी मैं भारी हूँ , मन भी न निर्मल माँ |
भक्ति न भावना है , न ज्ञानी ही हूँ माँ |
पर पुत्र तो प्यारा हूँ, विश्वास यही इक माँ ||
न तप न जप न भजन , न पूजा जानूं माँ |
न यज्ञ न योग न ध्यान, न स्तुति जानूं माँ |
अतिअधम मंदमति मूढ, इक आश तुम्हीं हो माँ ||
करुणामयी जग जाने , अराधना न तेरी माँ |
सन्मुख देव चँद्र जानी, फिर क्यों रोऊं मेरी माँ |
दिगम्बर जो पुकारेगा , झट आ जाना मेरी माँ ||

स्वर :~ मिलती है जिंदगी में मुहब्बत

नित्य नहीं आ पाओ तो आना कभी कभी।
माता बड़ी किरपालु है सबकी झोली भरी ।।
मांगा जो दुनियां से तेरी उड़ेगी बहुत हंसी।
फेरेंगे मुंह सभी अपने जो लगते कभी कभी।।
नित्य नहीं आ ….
बिगड़ी सभी बनेगी यदि मां की कृपा मिली।
जयकारा लगा लिया करो मां की कभी कभी।।
नित्य नहीं आ …
सुख शांति ही क्यों चाहिए संसार की सभी ।
परलोक का विचार भी करना कभी कभी।।
नित्य नहीं आ …

स्वर – सोलह बरस की बाली

सुनती है सबकी है करुणा की धाम
जयकारा लगाओ करो मैया का गुणगान।
चिंता मिटाए सारी दुःख दर्द सबकी हरती
खाली न जाए कोई झोली मां सबकी भरती ।
मेरी भी माता सुनले दुःखिया हूं मैं पड़ा
तेरे द्वार हूं खड़ा कर दो न मां कृपा।
सुनती है सबकी ….
भाग्य का मैं हूं मारा, फिरता हूं हारा हारा
संकट के बादल गहरे, है न कोई सहारा
दुःख के पहाड़ों की, गाथा सुनाएं किसको
है कौन जो हरे कष्टों को करे कल्याण ।
सुनती है सबकी …
लीला मधुर तुम्हारी, सुनकर यहां मैं आया
मुख फेरो न ओ मैया, दुःख जाए न सहा
दुर्गतिनाशिनी दुर्गा, संकट हारिणी अम्बा
कष्ट निवारिणि माता, तू बदले विधि-विधान
जय काली कल्याणी, जगदम्बे महारानी
भयहारिणी तेरी जय हो, भवतारिणी विजय हो
बालक की विनती सुन ले, है छुपी हुई कहां
दुःखभंजिनी जगजननी तेरी महिमा है महान
कर दे कृपा हे अम्बे, है तू दया की खान
तेरे पावन चरणों में, दिगम्बर करे प्रणाम।
सुनती है सबकी …

भगवती के मैथिली भजन

भगवती का मैथिली भजन

अछि नादान तनि जे बालक माता कोना कॅ विसरैथि ना ।
ज्ञानी तॅ तत्व कॅ चिंतन करथिन
बालक नींद लेथिन (मुर्खहवा) । अछि ….
भक्त तॅ प्रेम सं वश में करथिन
बालक जिद करथिन (मुर्खहवा) । अछि …
सेवा सं चाकर मुदिक मन रखथिन
बालक लोर देथिन न (मुर्खहवा) । अछि …
रत्ती भर नै सेवा चाहथिन मेवा
रुआव देखैथिन न (मुर्खहवा) । अछि …
भेंटय नै इच्छित उधम मचैथिन
मुंह फुलैथिन ना (मुर्खहवा) । अछि ….
एक निपुणता रोधना पसारी
सब सेवा लेथिन (मुर्खहवा) । अछि ….
मस्ती तॅ असली बालके पैथिन
सब इच्छित पैथिन (मुर्खहवा) । अछि …
बाल बुद्धि सं माता हंसथिन
चिंता नै करथिन (दिगम्बर) । अछि …

स्वर :~ जय जयकार करै छी हे

आबु माता ऐ नवराता मन मंदिर में वैस जइयौ।
काम क्रोध लोभ मोह भरल अछि
मद मत्सर सब हैर लियॅ ।
आबु माता ऐ नवराता…
भय चिंता दुःख दर्द सं व्याकुल
सब के शांति कैर दियॅ ।
आबु माता ऐ नवराता…
पूजथि जिनका हरिहरविधाता
पद पंकज कॅ प्रीति दियॅ ।
आबु माता ऐ नवराता…
प्रेम सं भजन दिगम्बर गैता
अबकी तनियें सुनि लियॅ ।
आबु माता ऐ नवराता….

शीघ्र कृपा प्राप्ति कराने वाला भजन

कृपा करब तॅ करियौ न देरी बिना।
गाय बछड़ा लॅ जहिना अहां दौड़ू ओना ।।
नै उबारब तॅ सुनियौ सच बाते अहां ।
बिना देखने ई दुनियां माय मानत कोना ।।
कृपा करब …..
चहुं कात सं संकट उबरबय कोना।
एक आश अहीं कॅ बचैबय अहां।।
कृपा करब …..
बात कहथिन्ह दिगम्बर भरोसे अहां।
दूर संकट सब हैता कनि भजु करुणा ।।
कृपा करब …

स्वर :~ यूं ही कोई मिल गया था

पूजा करब कोना कॅ हम छी निपट अनाड़ी।
नै तॅ देह शुद्ध अछि माता मन दुनियां में रमल है।
गेल गुजरल वस्तु भेंटल समझू हमर लचाड़ी ।
पूजा करब कोना कॅ ….
बांकि काज बड़ परल है, समय तनियेक निकलल है।
सेहो ध्यान तहीं धरल है, निम्न कोटि कॅ हम पुजारी।
पूजा करब कोना कॅ ….
जानल न वेद मंत्र, की बांचव की चढायब ।
पूजा विधान की अछि, नै पता लियॅ बिचारी ।
पूजा करब कोना कॅ ….
आश मन में इ प्रबल अछि, करुणाक सिंधु अहां ।
किरपा तॅ करब निश्चित, से तॅ अहां के लचाड़ी ।
पूजा करब कोना कॅ …

स्वर :~ मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा

हे मां अम्ब करव हम तंग यावत् नै कृपा करवै।
करब हुरदंग रहव नै चंग यावत् नै कृपा करवै ।।
कहब केकरा इ दुनियां में
हमर दुःख दर्द बूझत के
सुनि लियौ इ कान खोल के
विमाता नै अहां बनियै
सम्हारु आवि कहां हम जायब मूरख बालक समैझ लेवै ।
करब हुरदंग …
मांगब हम आब जे दुनियां सं
लागत बट्टा इ बूइझ लियं
सुनब जे अहां कनियों कम
करब कि हम न छी सक्षम
जायत जे लाज अहां के, अपन तनि पैत रायख लेवै ।
करब हुरदंग …

स्वर :~ बहारों फूल बरसाओ..

कल्याणी मां द्वार खोलू पूजा कॅ हेतु आयल छी।
विधि ना जानू पूजा के करब केहुना स्वीकारू मां ।
समर्पित होय जगदम्बे सामग्री जे भेंटल अछि मां ।।
नीर चंदन कुसुम माला बेलपात धूप दीप अछि मां।।
कल्याणी मां ….
सिंगार सोलह मन कल्पित समर्पित अछि लगाउ मां ।
भाव कॅ भोग लगाउ कनि छप्पन विध षडरस मां ।
सुगंधित शीतल जल पीउ मुखशुद्धि कॅ ताम्बुल मां ।
कल्याणी मां द्वार …
मंत्र न जानि पूजा कॅ होउ प्रसन्न अहिना मां ।
स्तुति पाठ न आवैत मां भजन अटपट हम गायब मां ।
देवानंद सुनायत जे कृपा बरसाउ झटपट मां।।
कल्याणी मां द्वार…

जय भगवती देवी नमो वरदे pdf download,

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।


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