गणेशाम्बिका पूजन अर्थात गौरी गणेश पूजन विधि मंत्र | Ganeshambika Puja No 1

गणेशाम्बिका पूजन विधि, गौरी गणेश पूजन विधि मंत्र

गौरी गणेश पूजन हेतु किसी पात्र में चावल भर कर उसपर कुंकुमादि से अष्टदल या स्वास्तिक बना लें। दो सुपारी में मौली लपेट कर उस पात्र में रख दें एक पात्र आगे में रख लें जिसमें जल-पंचामृत अर्पित करना है और आगे की विधि से पूजा करें । ध्यातव्य मिथिला में गणेशाम्बिका पूजन की परम्परा नहीं है, कलश पूजन में ही विघ्नहर्ता गणेश को समाहित करते हुए “ॐ वरुणाद्धिष्ठित्शान्तिपूर्ण कलश गणेशाय नमः” नाम मंत्र प्रयुक्त होता है, तथापि यज्ञ-अनुष्ठानादि नवाचारवश गणेशाम्बिका पूजन किया जाने लगा है ।

पुष्पाक्षत-दूर्वादि लेकर सर्वप्रथम गणेशाम्बिका का ध्यान करे :

ध्यान

आवाहन

अक्षतपुष्पादि लेकर आवाहन करें :

कहते हुए हाथ के पुष्पाक्षतादि सामने दोने में रख कर दोनों हाथों को उल्टा एकत्र कर स्थापित भावमुद्रा का प्रदर्शन करे, और पुनः मन्त्रोच्चारण करे :

आसन

पुनः सूत्र सहित पुष्पाक्षत लेकर आसनार्थ मंत्र बोले :


पाद्य

आचमनी या आम्रपल्लव से जल लेकर पाद्यमन्त्रोच्चारण करते हुए जल प्रदान करे :

अर्ध्य

चन्दनादि मिश्रित जल पुनः लेकर,मन्त्रोच्चारण पूर्वक अर्घ्य प्रदान करे :-

आचमन

स्नान

दूध,दही,घी,गूड़ और मधु मिश्रित पंचामृत से एकत्र वा पाँचों चीजों से अलग-अलग स्नान करावे, सुविधा के लिए यहाँ दोनों प्रकार के मन्त्रों की चर्चा कर रहे हैं-

दुग्धस्नान

दधिस्नान

घृतस्नान

मधुस्नान

शर्करास्नान

पञ्चामृत स्नान

शुद्धस्नान

स्नानांग आचमन

वस्त्रोपवस्त्र

यज्ञोपवीत

चन्दन

परिमलद्रव्य

अक्षत

पुष्प-माला

दूर्वा 

बिल्वपत्र

शमीपत्र

सुगन्धित तैल-इत्रादि

धूप

(देवदार धूप, धूना,गूगल,नागरमोथा अथवा अन्य सुगन्धित अगरुआदि धूप दिखावे। ध्यातव्य है कि वांस की तिल्लियों में लपेट कर बनायी गयी अगरबत्तियों का आजकल चलन है, इसका उपयोग कदापि न करें)

दीप

नैवेद्य

(नैवेद्य को जल प्रोक्षित कर,गन्ध-पुष्पादि से आक्षादित करके,सामने रखकर, चतुष्कोण जल का घेरा लगावे,और मन्त्र बोलते हुए दूर्वा छोड़े)

अखण्ड ऋतुफल

ताम्बूलादि मुखशुद्धि

दक्षिणा

आरती

पुष्पाञ्जलि

प्रदक्षिणा

(व्यावहारिक रुप में, इस कार्य को प्रायः क्रिया समाप्ति के बाद किया जाता है)

प्रार्थना

दूर्वा-पुष्प आदि लेकर :-

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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