मेरे पास किराने की दुकान है, व्यापार वृद्धि के उपाय कौन से हैं

मेरे पास किराने की दुकान है, व्यापार वृद्धि के उपाय कौन से हैं ? मेरे पास किराने की दुकान है, व्यापार वृद्धि के उपाय कौन से हैं ?

ज्योतिष और ग्रहों के प्रभाव के महत्व को इस उदाहरण द्वारा भलीभांति समझा जा सकता है:-

उदाहरण १ – भगवान श्री राम विष्णु अवतार होकर भी ग्रहों के प्रभाव को निष्फल न करके उसे स्वीकार करते हुए राज्याभिषेक काल में वनगमन करके नाना प्रकार के दुःखों को झेलते हैं। यदि चाहते तो ग्रहों के प्रभाव को निष्फल भी कर सकते थे।

उदाहरण २ – भगवान श्रीकृष्ण भी ग्रहों के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कारागार जन्म लेते हैं। अष्टम क्रम की बात थी तो उस क्रम को भी सत्यापित करते हैं। ग्रहों के प्रभाव से जो आपदाएं होती है सब झेलते हैं। चोर, कलंकी, रणछोड़ सब बनते हैं।

उदाहरण ३ – पांडव का जीवन । धर्मराज युधिष्ठिर, वायु अंश भीम, इन्द अंश अर्जुन, अश्विनी कुमार नकुल सहदेव सभी देवांश होकर परम पराक्रमी होते हुए भी नाना प्रकार के दुःखों को झेलते हैं, जबकि नारायणावतार भगवान श्रीकृष्ण का सहयोग भी सुलभ रहता है।

प्रमाण :- एते ते चन्द्रतुल्याः क्षितिपतितनया भीमसेनार्जुनाद्याः शुराः सत्यप्रतिज्ञा दिनकरवपुषः केशवेनोपगूढाः ।
ते वै दुष्टग्रहस्थाः कृपणवशगता भैक्ष्यचर्यां प्रयाताः को वा कस्मिन्समर्थो भवति विधिवशाद्भ्रामयेत्कर्मरेखा ॥ (गरुडपुराण)

व्यापार वृद्धि के उपाय में सबसे सटीक क्या है ?

व्यापार वृद्धि हेतु अन्य उपाय भी कारगर हैं किन्तु सबसे सटीक उपाय व्यापार की वस्तु के ग्रह की कृपा पाना ही हो सकता है। यदि व्यापार बहुत सारे वस्तुओं का हो जैसे की किराने की दुकान तो व्यापार के कारक ग्रह बुध की उपासना सर्वोपयुक्त है। कुंडली से सप्तमेश, द्वितीयेश और दशमेश का अवलोकन भी किया जा सकता है। यहाँ हम व्यापार के कारकग्रह बुध के यंत्र-मंत्र-स्तोत्र का अवलोकन करेंगे, जिसके द्वारा बुध की उपासना की जा सके।

कारोबार बढ़ाने के उपाय

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बुध यंत्र

कारोबार बढ़ाने का मंत्र :-
बुध मंत्र – 1. ॐ बुं बुधाय नमः, 2. ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

वैदिक मंत्र – ॐ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत॥

बुध स्तोत्र

पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।
धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ॥१॥
प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम् । सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम् ॥२॥
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: । सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम् ॥३॥
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: । सूर्यप्रियकरोविद्वान् पीडां हरतु मे बुधं ॥४॥
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: । सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ॥५॥

श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्यादात्ताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ॥६॥

अहो चन्द्रसुत श्रीमन् मागधर्मासमुदभव: । अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ॥७॥
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: । केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ॥८॥
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: । कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ॥९॥
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा । सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।१०॥
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: । बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ॥११॥

॥ इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ॥

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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