राहुल गांधी ने आज लोकसभा नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद हिन्दू को लेकर जो घृणित वक्तव्य दिया है वह निंदनीय और अक्षम्य है। भले ही संसद में गृहमंत्री ने राहुल गांधी से क्षमायाचना मांगने की बात किया हो किन्तु इसका अपराध क्षम्य ही नहीं है, क्षम्य अपराध के लिये क्षमा याचना की जाती है, अक्षम्य अपराध के लिये क्षमा नहीं दंड का विधान होता है। इसे दण्डित किया जाना चाहिये, इसके कुकर्मों की अति हो चुकी है और इसके लिये किसी भी पद पर क्यों न ही सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग करने में भी लज्जा आती है।
एक्सीडेंटल हिन्दू जवाहर लाल नेहरू के परनाती, फिरोज खान का पोता राहुल गांधी क्या हिन्दू है
हिंदूद्रोही राहुल गांधी के अक्षम्य अपराध और हिन्दुओं से असीमित घृणा रखने के कारण इसे एक ही शब्द से सम्बोधित किया जाना चाहिये वो शब्द हिन्दुद्रोही है। ये सम्मान का पात्र नहीं है भले ही कितने भी बड़े पद पर हो, इसके लिये सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करना अनुचित है।
हिंदूद्रोही के परनाना ने कहा था मैं दुर्घटनावश (एक्सीडेंटल) हिन्दू हूँ, इसके दादा का नाम फिरोज गांधी था जो हिन्दू नहीं था तो क्या ये हिन्दू है ? यदि यह हिन्दू नहीं है तो हिंदुत्व पर ज्ञान बांटने का अधिकार इसे किसने दिया है ? यदि यह हिन्दू है भी तो क्या इसे हिंदुत्व सिखाने का अधिकार है। धर्म के बारे में वही प्रवचन कर सकता है जिसका भली-भांति संस्कार किया गया हो, जिसने शास्त्रों का अध्ययन किया हो ? इसके कौन-कौन से संस्कार किये गये हैं ? इसने किस गुरु से ज्ञान प्राप्त किया है और किन-किन शास्त्रों का अध्ययन किया है ?
राहुल गांधी हिन्दुओं से घृणा करता है, हिन्दू द्रोही है
राहुल गांधी हिन्दुओं से घृणा करता है, हिन्दू द्रोही है ऐसा कहने में कोई संशय नहीं है और इसे हिन्दूद्रोही ही पुकारा जाये तो कोई अति नहीं होगी। संसद में नया वक्तव्य हिन्दुओं के विरुद्ध है ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ये इसकी आदत बन चुकी है अर्थात हिन्दुओं के विरुद्ध ये बहुत पहले से कलंकित और अपमानित करने का कुकर्म करता रहा है।
- कभी इसने मंदिर जाने वाले हिन्दुओं को मनचला सिद्ध करने वाला वक्तव्य दिया था।
- कभी हिन्दू और हिंदुत्व को अलग-अलग करने का प्रयास किया था।
- कांग्रेस हिन्दू आतंकवाद गढ़ रही थी।
- आज इसने हिन्दुओं को हिंसक, नफरती, असभ्य कहा।
धर्म के बारे में चर्चा कोई भी कर सकता है किन्तु धर्म सबंधी सार्वजनिक वक्तव्य देने का अधिकार मात्र विद्वान ब्राह्मणों के पास ही है। थोड़ा बहुत अधिकार साधुओं और कथावाचकों के पास भी होता है। नेताओं के पास कोई अधिकार नहीं होता है।
महत्मा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस सरकार ने ब्राह्मणों का सामूहिक वध करवाया था, कांग्रेस पार्टी है ब्रह्महत्यारिन है। कभी शंकराचार्य को जेल में डाला था तो कभी पालघर में साधुओं की हत्या कराई थी। कभी करपात्री जी का प्रकरण देखा गया था तो कभी मंदिरों के बनने की राह में रोड़े अटकाने का प्रयास किया था।
राहुल गांधी ने संसद में क्या कहा
राहुल गांधी ने पहले अभयमुद्रा पर व्याख्यान दिया और ऐसा सिद्ध किया कि अभयमुद्रा सभी पंथों में ग्रहण किया गया है। यह बताया कि सभी पंथों का संदेश है “डरो मत डराओ मत” लेकिन अगले ही क्षण इसका डर भी बाहर निकल आया और हिन्दुओं को डराने भी लगा।
किससे डरा है राहुल गांधी ?
- जो दुनियां भर में विशेष नारा लगाकर धमाका करते हैं, उससे।
- जो खुलेआम जरा-जरा सी बात पर सर तन से जुदा का नारा लगाते हैं, उससे।
- जो दुनियां भर में सबसे अधिक हिंसा कर रहे हैं, उससे।
- जो खुलकर काफिरों से नफरत करते हैं, उससे।
डर ऐसा है कि डर के कारण ही हमेशा हिन्दुओं को कलंकित, अपमानित करने का प्रयास करते रहा है। कभी भी जो दुनियां भर में हिंसा कर रहा है उसके बारे में एक शब्द नहीं बोलता अपितु उससे संरक्षण पाने के लिये हमेशा हिन्दू को अपमानित और कलंकित करने का प्रयास करता रहता है।
असभ्य राहुल जिसका दादा ही हिन्दू नहीं था उसका कहना है “जो लोग अपने आप को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटा हिंसा हिंसा हिंसा, नफरत नफरत नफरत, असत्य असत्य असत्य, आप हिन्दू हो ही नहीं” — राहुल के वक्तव्य की जितनी भी निंदा की जाये कम है, इसे कान पकड़ कर संसद से बाहर फेंकना चाहिये।
- हिन्दूद्रोही ने हिन्दुओं को हिंसक कहा और 3 बार कहा।
- हिन्दूद्रोही ने हिन्दुओं को नफरती कहा और 3 बार कहा।
- हिन्दूद्रोही ने हिन्दुओं को असत्य (झूठा) कहा और 3 बार कहा।
ये आदमी राहुल गाँधीं ज़हरीला है इस आदमी में हिंदुओं के लिए सिर्फ़ ज़हर भरा है
— Shivam Tyagi (Modi Ka Parivar) (@ShivamSanghi12) July 1, 2024
कहता
“के जो लोग अपने आप को हिंदू कहते वो 24 घंटे हिंसा हिंसा हिंसा करते हैं”
इस देश में लोकतंत्र है शांति है क्योंकि हिंदू 80% हैं pic.twitter.com/g79JUevroq
फिर आगे कहता है कि “हिन्दू धर्म में साफ लिखा है सत्य के साथ खड़ा होना चाहिये, सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिये, सत्य से नहीं डरना चाहिये, अहिंसा हमारा प्रतीक है, अभयमुद्रा ….” लेकिन एक भी सत्य इसने नहीं बोला, इसके पूरे भाषण में असत्य ही असत्य भरा हुआ था जिसे कई मंत्रियों ने बताया भी और सत्यता की जांच भी की जायेगी। यदि सत्यता की जांच हो जाती है तो बहुत ही अच्छा होगा और देश को ज्ञात होगा कि राहुल गांधी कितना सच्चा और कितना झूठा है !
गृहमंत्री ने संसद में संसदीय मर्यादा के अनुरूप माफी मांगने की बात किया
गृहमंत्री ने संसद में संसदीय मर्यादा के अनुरूप माफी मांगने की बात किया, लेकिन इस हिन्दू द्रोही को दण्डित किया जाना चाहिये। हिन्दुओं को अपमानित, कलंकित करने की ये भूल नहीं करता है, जानबूझकर करता है। इसके रग-रग में हिन्दूद्रोह है। कोई एक बार गलती से गलती करे तो माफी की बात होती है न ? बार-बार गलती करे तो वह गलती भी दण्डित करने के योग्य होता है।
#WATCH लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "विपक्ष के नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं और हिंसा करते हैं। शायद वे नहीं जानते कि इस देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को… pic.twitter.com/FmXF7rYCXj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2024
गृहमंत्री जी से यही कहना चाहूंगा कि संसद में नेता प्रतिपक्ष का ऐसा वक्तव्य असह्य है, अक्षम्य है। इससे क्षमायाचना मांगने की बात मत करिये। इसे कैसे दण्डित किया जा सकता है वो रास्ता निकालिये और दण्डित कीजिये।
देशभर में हिन्दूद्रोही के वक्तव्य की कटु आलोचना की जा रही है, लेकिन अभी भी इनके प्रवक्ता देश को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। हिन्दुओं की सहनशीलता, सहिष्णुता का तात्पर्य यह नहीं हो सकता कि हिन्दुओं को देश की संसद से अपमानित किया जाय, कलंकित किया जाय। ये संसद के लिये भी लज्जाजनक है कि क्या संसद ऐसे कुकर्म को भी क्षम्य मानती है ?
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