रामकृष्ण विलोम काव्य – ramakrishna viloma kavyam

रामकृष्ण विलोम काव्य - ramakrishna viloma kavyam

दैवज्ञ सूर्य पंडित द्वारा रचित चौदहवीं शताब्दी का संस्कृत साहित्य की अप्रतिम रचना “रामकृष्ण विलोम काव्यम्” (रामकृष्णविलोमकाव्यं) एक बहुत ही रोचक व दुर्लभ काव्य रचना है। इस कविता में ४० छंद हैं, जिन्हें एक यथावत पढ़ने से रामायण और विलोम करके पढ़ने से महाभारत के रूप में पढ़ा जाता है। यहां दोनों रूप में ही उपलब्ध है। यहां रामकृष्ण विलोम काव्य (ramakrishna viloma kavyam) संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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