भोले बाबा के भजन लिखित में – शिव भजन हिंदी

भोले बाबा के भजन लिखित में – शिव भजन हिंदी

भगवान शिव की अराधना के लिये वेद मंत्र, पौराणिक स्तोत्र आदि का तो महत्व है ही किन्तु भगवान शिव की अराधना में भजन का भी विशेष महत्व सिद्ध होता है। भगवान शिव के भजन को नचारी भी कहा जाता है। इस आलेख में भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले कई भजन दिये गये हैं। कुछ भजन फिल्मी गीतों के स्वर पर भी आधारित है। सभी भजनों का कॉपीराइट अधिकार लेखक के पास सुरक्षित है।

Table of Contents

  • भगवान शिव भजन से शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • भगवान शंकर की पूजा करते समय भजन सुनाना पुरानी परंपरा है।
  • कुछ वर्षों पहले तक गांवों में शिवमंदिर पर संध्याकाल में नित्य भजन किया जाता था।

शिव भजन 1 – संवारलौं सबके शिव शंकर सुख संपति सुहनमां ।

संवारलौं सबके शिव शंकर सुख संपति सुहनमां ।
बेर हमर आयल जं भोला मुनलौं आंखि धियनमां ॥

भरलौं झोली सब के तॅ अहां औढरदानी कहनमां।
पापी एक टा हमही भारी, मुनलौं आंखि धियनमां ॥

रूसल छी किये दानी दिगम्बर, गौरा के सजनमां ।
पूजा करब जे आवू कनियें, बसहा के चढनमां ॥

मंत्र कॅ ज्ञान न विधि-विधान तॅ, फेरब अहां जे मुंहमां।
ताकथिन के फेर मूर्ख-जपाल के, रखथिन अपन शरणमां ॥

गृह प्रवेश के नियम
भोले बाबा के भजन लिखित में

शिव भजन 2 – बमभोला उमापति विश्वेश्वर औढरदानी रुद्र शिव शंकर

बमभोला उमापति विश्वेश्वर औढरदानी रुद्र शिव शंकर।
त्रिपुरारि पशुपति गंगाधर वैद्यनाथ दिगम्बर चन्द्रशेखर ॥

न ही वेद का ज्ञान मिला है प्रभु पूजा के मंत्र कुछ न जानू ।
जप की विधियों का भान नहीं अर्चन हो जो स्वीकार करो ॥

गंगा शिर जिसके विराजत है कुछ बुंद चढाकर क्या कर लूं ।
पशुपति के हेतु दूध दही घृत जाके कहां से मैं लाउं ॥

प्रयोजन उसको वस्त्र से क्या कहता है दिगम्बर वेद जिसे ।
रंग भरा बनाकर फूलों में वही पुष्प चढाकर क्या करिये ॥

प्रकाशित करता है जग जो फिर दीप कौन सा दिखलाउं ।
मिटाता सबकी भूख प्यास भोग उसे क्या लगा पाउं ॥

रचा ब्रह्माण्ड अखिल जिसने मन मंदिर में वही वासित हो।
नयनों को ज्योति दिया जिसने दो प्रेमाश्रु ही समर्पित हो ॥

सुना भाव का भूखा जिस प्रभु को वही भोग भाव का पा जाओ ।
वाणी है दिया जिस भगवन् ने बस जिह्वे उसी के गुण गाओ ॥

शिव भजन 3 – स्वर:~ जिस दिन से जुदा वो

रूसल छी किये दानी दिगम्बर, गौरा के सजनमां ।

कल्याण हमर यदि नै करवै
तॅ कोना कॅ शिव रहबै बाबा।
उद्धार अधम कॅ जं नै करवै
महादेव कोना होयथिन बाबा ॥

एहन जग मं अहां भेजलौ हमरा
माया फंदा लटकैने छला ।
बंधु परिवार कॅ मोह देला
अहंकार तॅ लॅ के डूब गेला ॥
कल्याण हमर …..

धरम करम हम करब कोना
पापी पेट चिंता करथि मना।
दुःखालय मगर तैयो दुनियां
राखथि बड़ जोर सं बांध मना॥
कल्याण हमर यदि ….

शिव भजन 4 – स्वर :~ मन क्यों बहका

  • ध्यान धरथिन जे धरथिन सायं काल मं
    नचारी गैथिन जे गैथिन सायं काल मं ।
    शिव कॅ पूजा जे करथिन सायं काल मं
    इच्छा पूरन सब हैथिन सायं काल मं ॥
    डमरु डम डमरु बजाउ सायं काल मं
    तखनै गावियो बजावियो, बजाबियो गावियौ, गावियौ बजावियो सायं काल मं।
    गौरा संग शिवजी टहलथिन सायं काल मं
    बात बैन जायत जे बिगरल सायं काल मं ॥ ध्यान धरथिन …

आर कुनू नै काज सायं काल मं
नै जमनाय नै पढनाय सायं काल मं।
नै दौड-धूप नै सुतनाय सायं काल मं
बात मानु मनवां इ सायं काल मं ॥ ध्यान धरथिन….

शिव भजन 5 – स्वर :~ मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा

बाबा यौ कतय गेलियै अहां हमरा विसैर गेलियै।
कोना बचवै रोना रोवै विलख कॅ हम पछैर गेलियै ॥

सुनू भोलेनाथ विनती हमर
न मुंह फेरु हमर दिस सं
दुनू कर जोड़ी गावै छी
अहां कॅ हम बुलावै छी
चैल आउ बसहा चढल भवानी संग विलैट गेलियै॥ कोना बचवै ….

जे अयलौं न यदि मंदिर
चढैलौं न अहां कॅ नीर
सुनाय पयलौं न वेद यदि
न गाय पयलौं नचारी कभी
किये अहां भेलौं स्वार्थी जे एतना मं विफैर गेलियै॥ कोना बचवै ….

कठिन अछि भेल जीवन अब
कि ताकवै जे मरब हम तब
एहन निष्ठुर किये भेलियै
कोना आशुतोष कहाय गेलियै
दिगम्बर आय बोलावे गाय जे भेल अपराध क्षमा करियै ॥ कोना बचवै …

शिव भजन 6 – स्वर:~ हम भूल गए रे हर बात

बाबा ध्यान रखो मेरा महादेव हर हर शिव शंकर।
रखो पकड़के मेरा हाथ महादेव हर हर शिव शंकर॥

मायामय दुनियां लुभावनी है
मोह जाल बड़ी ही लम्बी है।
करे तो करे क्या चंचल मन
भ्रमित होकर मंझधार बहा॥
उबारो भोलेदानी आप ॥ महादेव हर हर शिव शंकर…

कलयुग का जीव हूं मैं बाबा
साधन से अक्षम जो ठहरा।
यदि कृपा नहीं होगी तेरी
फिर तड़प ही जीवन में रहेगा॥
सम्हालो थाम कर मेरा हाथ ॥ महादेव हर हर शिव शंकर….

शिव भजन 7 – स्वर :~ तोता तोता सजन से कहना

भोला भोला दर्शन दो ना ।
बिन तेरे दर्शन यह जीवन निष्फल क्या करना।

मायाजाल मुदित मुरख मन मोह महा महामद में मगन।
भवभय भयानक भवन भयातुर भव भावी भंजन भगवन् ।
नयन निरंतर नीर निलोकत निर्मल नीलकंठ नागनाथ ॥
भोला भोला ……

विषय वासना व्यसन विकृत्ति वसर वसेरा विवेक विना ।
लज्जित हूं प्रभु अपने कर्म से जीवन व्यर्थ तुम्हारे बिना।
अब तो भरोसा बस एक भोला करो कृपा थोड़ी ना ॥
भोला भोला…..…

शिव भजन हिंदी
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शिव भजन 8 – किया है हाल ऐसा कि

किया है हाल ऐसा कि न दिन में चैन मिलता है।
न नींद आती है रातों में कि मन बेचैन रहता है ॥

हे भोला क्या मेरा होगा तुम्हीं बतला मुझे अब दो ।
करोगे क्या जुगत बोलो पागलपन छा गई यदि तो ॥

न तड़पाओ अधिक ऐसे सुनो यदि बात मेरी तो ।
ये दुनियां मुंह चिढाएगी तनिक अब लाज भी रख लो ॥

कहां हो छुप के बैठे तुम न आओ तो इशारा दो ।
दिगम्बर खाक पाएगा अगर तुम मिल नहीं जाओ ॥

शिव भजन 9 – आओ बाबा भोले भंडारी, करके बसहा की सवारी

आओ बाबा भोले भंडारी, करके बसहा की सवारी, संग में हो माता पार्वती।
हो दर्शन तेरा विरह अब मारती ॥

नहीं जानता हूं मैं स्वामी जप व्रत पूजा पाठ ।
तुझे पुकारूं दे दो दर्शन ऐसे मुझको ठाठ।
अब तो विलम्ब कर मत भोला, आशुतोष कहावे वाला, बची हो थोड़ी भी जो मती ॥
हो दर्शन तेरा ……

छीन लिया क्यों चैन है मन का जो नहीं दर्शन देना।
मिलन की प्यास जगाई क्यों कर, छोड़ो यूं तड़पाना ।
सुन लो बतहा ओ भंगेरी, कर मत अब और देरी, हिम्मत है अब मेरी हारती ॥
हो दर्शन तेरा …..

शिव भजन 10 – स्वर :~ दुश्मन न करे दोस्त ने …

कभी न कभी किरपा की तो दृष्टि करोगे ।
जीवन टिकी इसी आश पे औढरदानी भोले ॥

हो बैठ गए लीन हो ऐसी समाधि में ।
सुध भूल गए लेना हम तो विलख रहे॥
जीवन टिकी इसी आश……

था प्यारा बेलपत्र व्याधे से जो गिड़ा ।
पीने का जल भी मिल गया उद्धार कर दिये॥
जीवन टिकी इसी आश….

वैश्या जो सुप्रिया बड़ी कृपा उड़ेले ।
महानंदा हेतु वैश्यानाथ भी तुम बने ॥
जीवन टिकी इसी आश…

क्या हो गई है खाली तेरी कृपा की झोली ।
क्या लोगे मेरा प्राण न कहना कड़ी बोली ॥
जीवन टिकी इसी आश…..

शिव भजन 11 – स्वर :~ दुश्मन न करे दोस्त ने वो

महादेव तेरे नाम के सहारे जियेंगे ।
चाहेगा जो वही हम काम करेंगे ॥

होता वही है अंततः जो चाहता तू ।
बेमतलब क्यों नाम और बदनाम हम करें ॥
चाहेगा जो वही …..

जटा में गंगा रखके है कैसा प्यासा तू ।
तृप्ति हेतु भक्तों के अश्रु ही चाहिए ॥
चाहेगा जो वही …

सुख के हो या हो दुःख के अश्रु ही तू चाहे ।
है इतनी ही जो प्यास तो आंसु बहाएंगे ॥
चाहेगा जो वही …

जग के सारे जल से न तृप्ति मिलेगी ।
प्रेमाश्रु दो बूंद दिगम्बर तनिक चढे ॥
चाहेगा जो वही ….

करे भजन जो भी भोले का सच्चे मन से।
बरसाना कृपा हे शम्भो खुले मन से ॥
चाहेगा जो वही ….

शिव भजन 12 – स्वर :~ हम तुम्हें इतना प्यार करेंगे

भगवान शङ्कर की पूजा करने वाला प्यारा भजन

शिव शंकर के शरण परेंगे भाग्य के फिर द्वार खुलेंगे।
पूजा शिव की करने के लिए, जल गंगा का लेकर आए हैं ।
पंचामृत स्नान के हेतु, दूध दही घी मधु शर्करा है ।
तेल शुद्धोदक स्नान को देंगे, भाग्य के फिर….

वस्त्र पहनने को रेशम का है, नव तंतूमय जनेउ हैं लाए ।
चंदन कुंकुम भस्म रमाकर, रंग-बिरंगे गुलाल उड़ाएंगे ॥
फूल चढाकर माला देंगे, भाग्य के फिर …

बेलपत्र तोड़ के अच्छे लाए हैं, राम नाम चंदन से लिखे हैं ।
धूप धूना और घी दीपक, फल मेवा मिष्टान्न चढाएंगे ॥
प्रेम से हम जो पूजा करेंगे, भाग्य के फिर …

भोला को तो भांग चढ़ाएंगे, मुखशुद्धि को पान खिलाएंगे ।
सजाकर थाल कपूर की बाति, आरति बाबा का उतारेंगे ॥
भक्ति भाव से नचारी गाएंगे, भाग्य के फिर …

शिव भजन हिंदी में
शिव भजन हिंदी में

शिव भजन 13 – स्वर :- ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं .

  • हो दुःख के दिन विकट फिर भी बोलो भोले बाबा की जय
    वसर हो कितनी भी मुश्किल बोलो भोले बाबा की जय
    हरेंगे सारे संकट को बोलो भोले बाबा की जय
    छटेंगे दुःख के बादल भी बोलो भोले बाबा की जय ॥
    वसर हो कितनी भी मुश्किल . ….. हो दुःख के दिन विकट . …
  • सुख दुःख के दिन बदलते हैं यूं रोना नहीं अच्छा
    इक आते हैं जाते हैं टिकना है नहीं अच्छा
    सिखाते सब नए कुछ हैं भूल जाना नहीं अच्छा
    जली रहे आश की ज्योति बोलो भोले बाबा की जय ॥
    वसर हो कितनी भी मुश्किल . ….. हो दुःख के दिन विकट . …
  • दुःखों को मन में ही रखो भले कोई पूछ बैठे भी
    हँसेगी दुनियां सुनकर के देगी और ताने भी
    करम के फल हैं होते सब सुखों के साथ ही दुःख भी
    हरेंगे हर सुदिन देकर बोलो भोले बाबा की जय ॥
    वसर हो कितनी भी मुश्किल ….. हो दुःख के दिन विकट .…
  • प्रसन्न होंगे तुरत आशुतोष कहती दुनियां जिनको है
    मनोरथ पूर्ण होंगे सब कठिन न कुछ भी उनको है
    भजन कर मन से वो सुन लेगा जो बहरा तो नहीं है
    दिगम्बर नाथ सम्हालेगा बोलो भोले बाबा की जय ॥
    वसर हो कितनी भी मुश्किल ….. हो दुःख के दिन विकट .…

शिव भजन 14 – बाबा सुनल छलौं अहां के औढरदानी यौ

बाबा सुनल छलौं अहां के औढरदानी यौ
राखू शरण करू कनिये निगरानी यौ न ॥

न ही जग सं बचल कोनो आश
चारु कात से होलौं निराश ।
आब तॅ एक अहीं पर टिकल हमर विश्वास यौ ॥

विनती हाथ जोड़ करुं बाबा
बचावु नाव डुबल जाय बाबा।
जौं पैत राखब नै तॅ जायत अहीं के लाज यौ ॥

शिव भजन 15 – हर हर शम्भु बम बम भोला

हाथ पकड़ने राखू बाबा
बालक छी नादान।
हर हर शम्भु बम बम भोला ॥

जगत कॅ मायाजाल रचैलौं
ज्ञानी ककरो मूर्ख बनैलौं ।
लाख ठिकाना फंसै कॅ खातिर
ऐ मॅ छोड़ू न सरकार ॥ हर हर ..

अज्ञानी मतिमंद छौं भारी
डूब जायब सुनु भवभयहारी ।
गोदी में राखू बचाय कॅ तैहना
जेना बालक मां सम्हार ॥ हर हर ..

शिव भजन 16 –

भगवान शिव की पूजा करने वाला प्यारा भजन

बाबा आबू शीघ्र अहां कनि, पूजा करु स्वीकार।
औढरदानी महाकाल, गंगाधर शिव शंकर चंद्रभाल ।
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

आसन बाबा ग्रहण करु हम, चरण पखारब न ।
अर्घ आचमन स्नान कॅ खातिर, जल स्वीकारु न ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

दूध दही घृत शहद शक्कर सँ, पंचामृत स्नान।
गंद्धोदक शुद्धोदक विजया, उबटन लगाउ न ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

वस्त्र युगल पैहरू न दिगम्बर, जनउ डरांकडोर न ।
श्री खंड चंदन कुंकुम भाल पे, भस्म रमाउ न ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

फूल अ माला रंग-बिरंगा, राम लिखित बेलपात।
शमीफूल शमीपत्र सुहावन, दूर्वा अबीर गुलाल ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

तेल सुगंधित शीतल बाबा, इत्र करु स्वीकार।
धूप धूना गुग्गुल घी मिश्रित, दीप देखायब न ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

खीर पुआ पकमान ऋतुफल, पंचमेवा मिष्टान्न ।
भोग लगावू प्रेम सं बाबा, फेर मुखशुद्धि कॅ पान ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

पंडित वांचता वेदमंत्र हम, गायब नचारी न।
दुःख हरु दुःखिया के यौ बाबा, सुनु नचारी न ॥
जपू मन नमः शिवाय, भजू मन नमः शिवाय ॥

शिव भजन 17 – कपड़ा पैहरु न दिगम्बर करब जे व्याह न

कपड़ा पैहरु न दिगम्बर करब जे व्याह न ।
विकल भ रहला बैन क बराति देव सब न ॥

सर्प क हार न देखल कतहूं
वर के गर्दन मॅ फुंफकारैत।
माला पहिरू आजु गूथल सुंदर फूल के न ॥
कपड़ा पैहरु ….

जटा में गंगा माथ पे चंदा
आय बनल अछि जेना फंदा।
पाग पहिरू आजु धरियौ वर कॅ भेष न ॥
कपड़ा पहिरु ….

पहिरू धोती रेशमी गमछा
नै त कियो बरात न जैता ।
छोड़ू नाम क चिंता रहब दिगम्बर नाथ न ॥
कपड़ा पहिरु …

भोले बाबा के भजन लिखित में
भोले बाबा के भजन लिखित में

शिव भजन 18 – दर्शन दिय न शीघ्र दिगम्बर

दर्शन दिय न शीघ्र दिगम्बर
जीवन बीतल जाय है न।
किरपा करु न औढरदानी
देर सं मन घबराबै न ॥

कोना मनावौं किछुओ न जानौ
कोन भजन सुनावौं न ।
कखन फेरब अहां किरपा नजरिया
कनिए समझाबू न ॥ दर्शन दिय …..

वरत करौं कोन जाप करौं
कोन होम करावौं न ।
हमरा सं किछुयो होयत न बाबा
देह कोनो लायक न ॥ दर्शन दिय ……

जनम सिमरिया देलौं यौ बाबा
गंगा तैयो नहैलौं न ।
पापक बरनन होयत न बाबा
मेटायब तॅ जल्दी मेटाबू न ॥ दर्शन दिय …..

आशुतोष जौं शीघ्र न रीझता
के सुधि आरो लेता न।
शरण अहीं के परलौं बाबा
बिगरल बात बनावू न ॥ दर्शन दिय ….

कोना मिलैल आवौं यौ बाबा
बाटो देखल न ।
किरपा कॅ के आबु अहीं यदि
घर अछि देखल न ॥ दर्शन दिय …..

शिव भजन 19 – मिलता नहीं जो शरण तुम्हारा

मिलता नहीं जो शरण तुम्हारा ।
कोई ठौर दुनियां में न होता हमारा ॥

हमारा ठिकाना हमें ही पता ना
जहां चाहो रखो फिकर क्यों है करना ।
विनती यही है परीक्षा न करना
तैयारी की छोड़ो चोरी भी सीखा ना ॥ मिलता नहीं जो …..

अकारण कृपालु तभी मैंने जाना
शरण में लिया फिर भी मेरे करम ना ।
न दोषों को देखा यही मैंने भाना
तभी तो बनाया है मन में ठिकाना ॥ मिलता नहीं जो …..

यूं ही न बनता है कोई तराना
कहो न कहो बस यही मैंने माना।
दिगम्बर बाघम्बर शिवशंकर को भजना
शरण देव की हो बस मस्ती में गाना ॥
मिलता नहीं जो ….

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।


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