नटराज स्तुति संस्कृत में – natraj stuti

नटराज स्तुति संस्कृत में – natraj stuti

नटराज स्तुति भगवान शिव का एक प्रसिद्ध स्तवन है जो भक्तों द्वारा अच्छे स्वर में गया जाता है। यह आधुनिक रचना है एवं नयी विधा युक्त है। यहां नटराज स्तुति दी गई है जो संस्कृत (हिन्दी मिश्रित) में है और हिन्दी में अर्थ के साथ भी अलग से दिया गया है।

नटराज स्तुति संस्कृत में

नटराज स्तुति संस्कृत में
नटराज स्तुति संस्कृत में
  • नटराज भगवान शिव का ही एक नाम है और इस नाम से वह सबसे उत्तम नर्तक के रूप में जाने जाते हैं।
  • नटराज दो शब्दों के समावेश से बना है – नट अर्थात नर्तक और राज । इस स्वरूप में शिव नृत्य कला के आधार हैं।
  • नटराज स्तुति को भजन की तरह सुन्दर तरीके से गाया जा सकता है।
  • नटराज स्तुति सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता भगवान शिव को ही बताया गया है।
  • नटराज स्तुति पूर्ण रूप से न तो संस्कृत में लिखी गयी है और न ही हिन्दी में। इसमें संस्कृत और हिन्दी दोनों भाषाओं सम्मिश्रण किया गया है जो स्वयं में अद्वितीय है अर्थात इस प्रकार की विधा कभी देखी नहीं गयी।
  • भगवान की स्तुति भक्त किसी भी भाषा में कर सकता है, पद्य के साथ गद्य में भी कर सकता है लेकिन स्तोत्र की विधा का पालन करने पर ही स्तोत्र कहा जा सकता है।
नटराज स्तुति अर्थ सहित
नटराज स्तुति अर्थ सहित

नटराज स्तुति अर्थ सहित

नटराज स्तुति pdf

नटराज स्तुति pdf डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply