चौरचन पूजा विधि मंत्र

चौरचन पूजा विधि मंत्र

पूजा से पहले नित्यकर्म किया जाता है। चौरचन पूजा यद्यपि पुरुष भी कर सकते हैं तथापि अधिकांशतः स्त्रियां ही करती है। स्त्रियों के लिये नित्यकर्म का तात्पर्य पंचदेवता व गौरी पूजा है। पूजा सूर्यास्त के बाद होती है इसलिये गणपत्यादि पंचदेवता और गौरी की पूजा करे। विधवा स्त्री गणपत्यादि पंचदेवता व विष्णु पूजा करे। तत्पश्चात संकल्प करके चतुर्थी चंद्र पूजा करे।

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चौरचन पूजा कब है 2024 : चतुर्थी (चौथ) चंद्र निर्णय

इस प्रकार दृश्य व अदृश्य दोनों पंचांगों के आधार पर प्रदोषकालीन चतुर्थी 6 सितम्बर 2024 शुक्रवार को उपलब्ध है और चतुर्थी चंद्र या चौरचन व्रत होना सिद्ध होता है। पंचांगों में भी इसी दिन चौरचन व्रत पूजा बताया गया है।

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