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जागते रहो : सच्चे बाबा और पाखंडी बाबा को कैसे पहचाने

दूध के धुले नेता और दूध की धुली मीडिया लालटेन लेकर ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगे लेकिन सच्चे बाबा की कमी नहीं है हां कुछ पाखंडी भी अपना व्यापार चला रहे हैं और उन पाखंडियों से सच्चे बाबा स्वयं भी त्रस्त हैं क्योंकि कभी बाबा को चोर समझकर पीटा जाता है तो कभी कुछ और समझकर। कई जगहों पर झूठा आधार कार्ड बनाकर मुसलमान भी बाबा बना हुआ पकड़े जाते रहे हैं।

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वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत

जागते रहो : बाबाओं का लगा है मेला, हो रहा है ठेलम-ठेला

यत्र-तत्र-सर्वत्र उन चोर-उचक्कों ने वेष बदल कर, तिलक लगाकर, मालाओं का बोझ उठाते हुये बाबाओं का रूप धारण कर लिया है और इनसे बचाने वाला कोई नहीं है। जो भी हैं इनका सहयोग ही करते हैं चाहे मीडिया हो या राजनीति, सिस्टम हो या इको सिस्टम ! सबकी मोटी कमाई होती है, किसी को नोट मिलता है तो किसी को वोट।

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