कार्तिक मास की विशेषता और मास के नियम - Kartik Mas

कार्तिक मास की विशेषता और मास के नियम – Kartik Mas

कार्तिक मास माहात्म्य और मास के नियम – Kartik Mahatmya : इस महीने लोग प्रातः स्नान, पूजा और जप करते हैं। इसका माहात्म्य पद्मपुराण में मिलता है। अनेकों विशेष व्रत-पर्व जैसे दीपावली, छठ, अक्षयनवमी भी इसी महीने में होते हैं। कार्तिक का समय सूर्य के नीच होने से जुड़ा है, जो हमारी ऊर्जा, जीवन, आत्मबल आदि को प्रभावित करता है। मथुरा में कार्तिक मास करने का विशेष महत्व है, जहां भगवान विष्णु की विशेष कृपाप्राप्त होती है।

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हरिवासर 2024

हरिवासर 2024

हरिवासर योग क्या है : हरिवासर के विषय में कल्पद्रुम का जो प्रमाण है उससे ज्ञात होता है कि द्वादशी का प्रथम चरण हरिवासर होता है। यहां प्रथम चरण कहने का तात्पर्य प्रथम चतुर्थांश है। यह हरिवासर सभी द्वादशी में होता है और यदि एकादशी रात्र्यंत तक हो तो भी अगले दिन का पारण द्वादशी के प्रथम चतुर्थांश व्यतीत होने के पश्चात् ही करना चाहिये। और यह नियम सभी एकादशी व्रत के संबंध में है।

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दीपावली कब है 2024 में, एक महत्वपूर्ण विश्लेषण

दीपावली का त्यौहार – Deepawali 2024

दीपावली का त्यौहार – Deepawali 2024 : दीपावली का दिन एक ऐसा त्यौहार है जिसमें कई पुजायें सम्मिलित होती है और आगे-पीछे के कई व्रत-त्यौहार भी इससे संबंधित होते हैं, जैसे : पितृ विसर्जन, कोजागरा, धनतेरस, यमचतुर्दशी, श्यामा पूजा, लघुदीपावली, देवदीपावली आदि।

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कोजागरा व्रत : कोजागरा कब है - kojagara kab hai 2024

कोजागरा व्रत : कोजागरा कब है – Kojagara kab hai 2024

कोजागरा व्रत : कोजागरा कब है – kojagara kab hai 2024 : माता लक्ष्मी वर्ष में दो बार भ्रमण करती है और कहां वास करना चाहिये घरों का चयन करती है। एक बार दो दीपावली की रात्रि में भ्रमण करती है यह सभी जानते हैं किन्तु उससे पहले भी शरद पूर्णिमा की रात्रि को भ्रमण करती है और कौन जाग रहा है “कोजागर्ति” यह देखती है। “कोजागर्ति” के कारण ही इसका एक नाम कोजागरा भी है।

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व्रत-पर्व निर्णय से पूर्व पंचांग की शुद्धता को जांचना आवश्यक है

व्रत पर्व विवेक : पंचांग की जानकारी व शुद्धता को जांचना – Part 1

व्रत पर्व विवेक : इस प्रकार दूध का दूध व पानी का पानी होने के पश्चात् भी यदि कोई यह गांठ बांध ले कि हम उसी पंचांग के आधार पर निर्णय करेंगे जिसके साक्षी चन्द्रमा नहीं हैं तो इस दुराग्रह का कोई हल नहीं हो सकता। ये ठीक उसी प्रकार है जैसे को क्रेता बाजार से जान-बूझकर उचित मूल्य पर सड़ी-गली सब्जी, फल इत्यादि क्रय करने का हठी/बुद्धू हो।

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दुर्गा पूजा : बिल्वाभिमन्त्रण विधि

दुर्गा पूजा : बिल्वाभिमन्त्रण विधि

दुर्गा पूजा : बिल्वाभिमन्त्रण विधि – नवरात्र की पिछली तीनों तिथियां विशेष हैं – महासप्तमी, महाष्टमी और महानवमी । इन तीनों दिनों विशेष पूजा की जाती और उसका प्रारंभ षष्ठी को सायंकाल से ही हो जाता है। षष्ठी को सायंकाल में बिल्वाभिमंत्रण किया जाता है जिसे अगली प्रातः में भगवती का आवाहन-पूजन करने हेतु शिविका में स्थापित करके लाया जाता है।

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कलश स्थापन पूजन विधि

नवरात्रि पूजन विधि : संकल्प, स्वस्तिवाचन, कलशस्थापन, दुर्गा पूजा, अंग पूजा – Puja No. 1

नवरात्रि पूजन विधि : संकल्प, स्वस्तिवाचन, कलशस्थापन, दुर्गा पूजा, अंग पूजा – नवरात्र में दुर्गा पूजा करने की भिन्न विधि होती है और उसमें भी दो विधि हो जाती है एक मंदिरों में पूजा की विधि और दूसरी घर में पूजा करने की विधि।

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शारदीय नवरात्र दुर्गा - महोत्सव निर्णय

शारदीय नवरात्र दुर्गा महोत्सव निर्णय – 2024

शारदीय नवरात्र दुर्गा महोत्सव निर्णय : वर्ष में चार मुख्य नवरात्रायें होती हैं जिनमें से शारदीय नवरात्र अर्थात जो शरद् ऋतु में पड़े वो विशेष महत्वपूर्ण होती है। इसमें भगवती दुर्गा की महापूजा होती है। नवरात्र विधान की बात करें तो मंदिरों के लिये जो विधि है घर में उससे भिन्न हो जाती है। पुनः घर में भी जो विद्वान ब्राह्मण के आचार्यत्व में करें उनके लिये और जो स्वयं करे उसके लिये भी भिन्न विधियां हो जाती है।

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ऋषि पंचमी व्रत पूजा विधि और कथा

भाद्र शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी कहा जाता है। इस दिन व्रत पूर्वक अरुंधतिसहित सप्तर्षियों का पूजन करना चाहिये। पूजा करने के उपरांत कथा श्रवण करे और फिर विसर्जन दक्षिणा करे। इस व्रत का माहात्म्य चकित करने वाला है क्योंकि यह व्रत प्रायश्चित्तात्मक है। स्त्रियां जो रजस्वला संबंधी स्पर्शास्पर्श नियमादि का उल्लंघन करती हैं चाहे ज्ञात रूप से हो अथवा अज्ञात रूप से ऋषि पंचमी के प्रभाव से उस दोष का शमन हो जाता है।

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पितृपक्ष कब है 2024

पितृपक्ष कब है 2024, तर्पण-श्राद्ध

पितृपक्ष कब है : 2024 में पितृपक्षीय तर्पण-श्राद्ध का आरंभ 18 सितंबर 2024 बुधवार से ही होगा।
अतः 2024 में पितृपक्षीय तर्पण-श्राद्धादि आश्विन कृष्ण अमावास्या 2 अक्टूबर बुधवार तक होगा।

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